Corona in Bengal: कोलकाता में लोकल ट्रेनें बंद होने से सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे खरीदार

हावड़ा हुगली बर्द्धमान उत्तर 24 परगना व मिदनापुर के किसान सब्जियों को बेचने के लिए ट्रेनों के माध्यम से आते हैं परंतु ट्रेनों के बंद होने से उनके सिर पर बस एक ही चिंता ​सवार है कि वे अपना पेट कैसे पालेंगे।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:44 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 08:44 AM (IST)
Corona in Bengal: कोलकाता में लोकल ट्रेनें बंद होने से सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे खरीदार
कोलकाता में लोकल ट्रेनों के बंद होने से रोजाना आनेवाले खरीदार बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। लोकल ट्रेनों के बंद होने का असर आम लाेगों के जीवन पर बहुत ही बुरे तरीके से पड़ रहा है। इनमें से ही एक सब्जी बाजार है जहां पर रोजाना लगभग पूरे बंगाल से सब्जियां आती हैं और जाती हैं। उन्हीं सब्जियों के दाम अब आसमान छूने लगे हैं। इसके साथ ही यहां पर हावड़ा, हुगली, बर्द्धमान, उत्तर 24 परगना व मिदनापुर के किसान सब्जियों को बेचने के लिए ट्रेनों के माध्यम से आते हैं, परंतु ट्रेनों के बंद होने से उनके सिर पर बस एक ही चिंता ​सवार है कि वे अपना पेट कैसे पालेंगे।

दरअसल बंगाल के विभिन्न जिलों के किसान अपने खेत की सब्जियां लाकर हावड़ा सब्जी मंडी में बेचते हैं। यहां पर हावड़ा व कोलकाता के आसपास के स​ब्जी विक्रेता आकर माल खरीदते हैं और वे अपनी-अपनी दुकानों व ठेलों के माध्यम से लोगों तक सब्जियां पहुंचाते हैं। ऐसे में इस चेन का एक मात्र साधन है लोकल ट्रेन जो कि कम समय व कम रुपये में उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। परंतु आंशिक लॉकडाउन के दौरान लोकल ट्रेनों के बंद होने से उन्हीं सब्जियाें के दाम बढ़ गये हैं। इसके कारण सब्जी विक्रेताओं के लिये रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

दरअसल राज्य के विभिन्न हिस्सों से आनेवाले किसान पटल, बैगन, भिंडी, मिर्ची, लौकी, फूलगोभी, पत्तागोभी व टमाटर लेकर आते हैं। परंतु ट्रेनों के बंद होने से रोजाना आनेवाले खरीदार बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके कारण बहुत मात्रा में सब्जियां बर्बाद हो जा रही हैं। इसका कारण यह है कि किसान खुद सब्जियां उगाकर बड़ी परेशानी से कई घंटों तक बसों में सफर कर बाजार तक ला रहे हैं लेकिन खरीदारों के न आने से उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक किसान के अनुसार वह खेतों से 24 रुपये किलो भिंडी लाया था लेकिन अब यहां उसे 20 रुपये किलो में ही माल बेचना पड़ रहा है क्योंकि यहां उसे खरीदार नहीं मिल रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर खरीदारों का कहना है कि उन्हें पहले यह भिंडी 15 रुपये किलो मिलती थी लेकिन अब यही 20 रुपये किलो मिल रही है। इसके बाद बाजारों में उसे ऊंचे दामों में बेचना पड़ रहा है। वहीं लोग भी इतने दामों को सुनकर खरीदना तो नहीं चाहते हैं लेकिन उनके पास कोई विकल्प भी नहीं है। सब्जियों में किलो के हिसाब से 2 से 5 रुपये का इजाफा हुआ है। खासकर हरी सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।

हावड़ा स्टेशन एरिया वेजिटेबल मर्चेंट एसोसियेशन के जनरल सेक्रेटरी विनय सोनकर ने कहा कि ट्रेनों के बंद होने से सभी सब्जियों के दाम बढ़ गये हैं। वहीं राजेश प्रसाद का कहना है कि दूर-दूर से किसान अपनी सब्जियों को थोक भाव में लेकर आते हैं लेकिन उन सब्जियों के खरीदार नहीं हैं। इससे किसानों के सामने पेट पालने की समस्या आ रही है। 

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