Corona in Bengal: नाइसेड का दावा- टेस्टिंग रिपोर्ट मिलने में देरी भी कोरोना के नियंत्रण में परेशानी का सबब

नाइसेड कोलकाता की निदेशक ने कहा है कि उनके पास रोजाना तीन से चार हजार कोरोना वायरस के नमूने को जांचने की क्षमता है। केवल 1200 नमूने ही उनके पास पहुंच रहे हैं। इस कारण कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर माना जा रहा है कि दिक्कतें आ रही हैं

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 08:39 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 09:24 AM (IST)
Corona in Bengal: नाइसेड का दावा- टेस्टिंग रिपोर्ट मिलने में देरी भी कोरोना के नियंत्रण में परेशानी का सबब
क्षमता की तुलना में जांच के लिए आ रहे हैं एक चौथाई नमूने ही

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ कॉलेरा एंड एंटरिक डिजिज (नाइसेड) कोलकाता की निदेशक शांता दत्ता ने कहा है कि उनके पास रोजाना तीन से चार हजार कोरोना वायरस के नमूने को जांचने की क्षमता है। हालांकि देखा जा रहा है कि औसतन रोजाना केवल 1200 नमूने ही उनके पास पहुंच रहे हैं। इस कारण कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर माना जा रहा है कि दिक्कतें आ रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी राज्य को टेस्टिंग बढ़ाने के लिए कहा है।

शांता दत्ता का कहना है कि हमारे पास हर दिन तीन से चार हजार कोरोना टेस्ट की संरचना है। लेकिन हमारे पास 1200 नमूने भेजे जा रहे हैं। दत्ता ने राज्य में कोविड परीक्षण के बारे में दावा किया है कि हमारे हाथ में शक्तिशाली कोबास यंत्र हैं। इससे रोजाना तीन से चार हजार नमूनों का परीक्षण आसानी से संभव है। दूसरी लहर में, जब कोविड परीक्षण का दबाव मजबूत होना चाहिए, केवल 1200 नमूने हमारे पास भेजे जा रहे हैं। अत्यधिक दबाव के बावजूद, अत्याधुनिक कोबास मशीन का उपयोग बिल्कुल नहीं किया जा रहा है।

कथित तौर पर, कोरोना रोगियों को परीक्षण के कई दिनों बाद रिपोर्ट मिल रही है। ऐसे ही आरोप राज्य के विभिन्न हिस्सों से आ रहे हैं। पूर्वी भारत में पहले दो या तीन राज्यों में से, बंगाल को पिछले साल कोबास 600 डिवाइस मिली थी। यह उपकरण पिछले साल अगस्त से प्रभावी है।

शांता दत्त के अनुसार नाइसेड को केंद्रीय अस्पतालों जैसे ईएसआई, गार्डनरिच हॉस्पिटल, कमांड हॉस्पिटल के साथ टैग किया गया है। ऐसे संस्थानों से आने वाले नमूनों का नाइसेड द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही बेलियाघाटा आइडी हॉस्पिटल और चिल्ड्रन हॉस्पिटल के कुछ नमूने वहां जा रहे हैं। हालांकि यह संख्या बेहद कम है। दूसरे शब्दों में, कोबास डिवाइस का उपयोग उस अर्थ में नहीं किया जा रहा है, जिस प्रकार से उसकी क्षमता है।

स्वास्थ्य भवन के सूत्रों के अनुसार, राज्य अपने पास मौजूद प्रयोगशालाओं और बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर रहना चाहते हैं। संभव है कि नाइसेड को नमूने भेजने में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसका मतलब है कि राज्य अपनी प्रयोगशालाओं में अस्पताल के नमूने रखने में रुचि रख रहे हैं। केंद्रीय संस्थानों को नमूने भेजने के लिए राज्य बहुत उत्सुक नहीं नजर आ रहा है। 

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