Bengal Coronavirus Update: अभिनव पहल- अब कोरोना मरीजों का होगा 'वाई-फाई' इलाज

Bengal Coronavirus Update अस्पताल से 30 किमी दूर तक घर पर होगी मरीज की चिकित्सा। मरीज के बिस्तर के नीचे रहेगा डिस्टेंट मॉनिटरिंग सिस्टम डिवाइस जो वाई-फाई से जुड़ा रहेगा। अस्पताल के कंट्रोल रूम में मरीज के तमाम अपडेट होंगे परिलक्षित। डॉक्टर करेंगे हर पल की निगरानी।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 08:13 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 01:47 PM (IST)
Bengal Coronavirus Update: अभिनव पहल- अब कोरोना मरीजों का होगा 'वाई-फाई' इलाज
कोलकाता कोरोना मरीजों का होगा 'वाई-फाई' इलाज

कोलकाता, इंद्रजीत सिंह। अब कोविड मरीजों की वाई-फाई चिकित्सा। जी हां, इन दिनों कोरोना महामारी को लेकर जिस तरह से अस्पतालों में बेड के लिए हाहाकार मचा है। ऐसे हालात में कोलकाता के एक निजी अस्पताल ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का इलाज अस्पताल के कंट्रोल रूम से करने की अभिनव पहल की है।

कोलकाता के आइएलएस हॉस्पिटल समूह ने यह चिकित्सकीय सुविधा शुरू की है। अस्पताल के साल्टलेक, दमदम तथा हावड़ा शाखा के 25 से 30 किलोमीटर के दायरे में कोरोना मरीजों को यह सेवा उपलब्ध उपलब्ध कराई जा रही है। इतना ही नहीं वाई-फाई से जुड़े रहने के कारण मरीज के तमाम डेटा दुनिया के किसी भी कोने में उनके रिश्तेदारों, दोस्तों, शुभचिंतकों को पल भर में पहुंचाए जा सकेंगे।

ऐसे होगी वाई-फाई चिकित्सा

इस सिलसिले में आइएलएस हॉस्पिटल के ग्रुप वाइस प्रेसिडेंट देबाशीष धर ने बताया कि इसके तहत मरीज के मैट्रेस के नीचे बेल्ट नुमा एक डिस्टेंट मॉनिटरिंग सिस्टम डिवाइस लगाया जाएगा। मरीजों को वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराई जाएगी जिससे यह डिवाइस जुड़ा रहेगा। इसके जरिए हर पल मरीज के तमाम अपडेट मसलन पल्स रेट, ऑक्सीजन का स्तर, ब्लड प्रेशर आदि अस्पताल के कंट्रोल रूम में परिलक्षित होते रहेंगे जिसकी डॉक्टर 24 घंटे निगरानी करते रहेंगे। इससे उन्हें चिकित्सा करने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

कंट्रोल रूम से डॉक्टर करेंगे इलाज

धर ने बताया कि डिवाइस भी पल्स रेट, ऑक्सीजन का स्तर, ब्लड प्रेशर के गंभीर स्थिति पहुंचने पर अलार्म करेगा। डॉक्टर वहीं से हालात के अनुसार दवा प्रिसक्राइब करने के साथ अन्य सुविधाएं मुहैया कराते रहेंगे। दवा खरीदने में मरीज अक्षम रहने पर अस्पताल की ओर से दवा मुहैया कराई जाएगी। खर्च मरीज को वहन करना पड़ेगा। टेस्ट की जरूरत पड़ने पर अस्पताल के कर्मचारी नमूना संग्रह कर लेंगे। हालात गंभीर होने पर मरीज नजदीकी अस्पताल अथवा आइएलएस हॉस्पिटल में भी भर्ती हो सकते हैं। 14 दिनों के होम आइसोलेशन का खर्च 12000 रुपये होगा। अस्पताल का दावा है कि पूर्वी भारत में यह अपनी तरह की पहली चिकित्सकीय सुविधा है। देबाशीष धर ने बताया कि फिलहाल अस्पताल में 100 से ज्यादा मरीजों का वाई-फाई इलाज हो रहा है। मौजूदा क्षमता के अनुसार अस्पताल से लगभग ढाई सौ तक मरीजों का इलाज करने में सक्षम है। धर ने बताया कि ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गए हैं।

'मैं अब पूरी तरह स्वस्थ हो गया हूं'

- मरीज राजा बोस ने बताया, 'मैं कोलकाता के संतोषपुर स्थित फ्लैट में 22 अप्रैल से 14 दिनों के लिए होम आइसोलेशन में था। इस दौरान आइएलएस हॉस्पिटल के कंट्रोल रूम से मेरी चिकित्सा की गई। डॉक्टर मेरे हर पल की निगरानी ले रहे थे तथा उसी के अनुसार दवा आदि प्रिसक्राइब कर रहे थे। लगातार नर्स तथा डॉक्टरों से भी बातचीत होती रहती थी। मैं अब पूरी तरह स्वस्थ हो गया हूं।'

अत्याधुनिक प्रणाली एक नई दिशा दिखाएगी

-आइएलएस हॉस्पिटल के ग्रुप वाइस प्रेसिडेंट देबाशीष धर ने कहा, 'यह सुविधा खासकर उन मरीजों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है जो घर पर ही इलाज कराना चाहते हैं। कोरोना मरीजों के मामले में उपचार की यह अत्याधुनिक प्रणाली निश्चित रूप से एक नई दिशा दिखाएगी।' 

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