Coronavirus Effect: सब्जी बेचने को मजबूर हुआ मोहन बागान एकेडमी का होनहार फुटबॉलर

बंगाल के हुगली जिले के कोन्ननगर के बांझाराम मित्र लेन का रहने वाला वाला फुटबाॅलर दीप बाग इन दोनों रास्ते के किनारे सब्जी बेचकर अपना तथा अपने परिवार का पेट चला रहा है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 08:36 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 02:10 PM (IST)
Coronavirus Effect:  सब्जी बेचने को मजबूर हुआ मोहन बागान एकेडमी का होनहार फुटबॉलर
Coronavirus Effect: सब्जी बेचने को मजबूर हुआ मोहन बागान एकेडमी का होनहार फुटबॉलर

राज्य ब्यूरो, कोलकता : कोरोना महामारी के संकट ने एक होनहार फुटबॉलर को सब्जी बेचने पर मजबूर कर दिया है। बंगाल के हुगली जिले के कोन्ननगर के बांझाराम मित्र लेन का रहने वाला वाला फुटबाॅलर दीप बाग इन दोनों रास्ते के किनारे सब्जी बेचकर अपना तथा अपने परिवार का पेट चला रहा है। दुर्गापुर मोहन बागान एकेडमी के तहत अंडर 19 का यह खिलाड़ी घर की माली हालत खराब होने पर इलाके में ही रास्ते के किनारे सब्जियां लगाकर बेच रहा है। दीप के पिता पेशे से रिक्शा चालक हैं।

उन्होंने मेहनत के साथ रिक्शा चलाकर दीप को इस मुकाम तक पहुंचाया है। लेकिन लॉकडाउन के दौरान दीप के पिता की आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है। पिता की मजबूरी को देखते हुए बेटे दीप ने पिता का बोझ कम करने के लिए काम शुरू किया है। दीप ने अपनी  मेहनत के बल पर मोहन बागान एकेडमी में जगह बनाई थी। उसका कहना है कि प्रति माह भत्ते के तौर पर उसे एक हजार रुपये भी मिलते थे। लेकिन लाॅकडाउन के बाद से वह भी बंद हो गया है। उसका  कहना है कि पिता का बीमार शरीर अब रिक्शा चलाने के लाइक नहीं है।

दो वक्त की रोटी के लिए उसे सब्जी बेचनी पड़ रही है। दीप का कहना है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता है। मनुष्य काम से नहीं बल्कि अपने  कर्म से छोटा बड़ा होता है। इधर अपने उज्जवल भविष्य का सपना देखने वाला यह युवा खिलाड़ी इन दिनों अंधकार से लड़ रहा है। उसका हौसला बुलंद है और उसे आशा है कि कोरोना का कहर कम होने के बाद वह फिर से फुटबाॅल की दुनिया में चला जाएगा और एक दिन अपने पिता का नाम रोशन करेगा।

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