कोरोना महामारी ने तोड़ी कमर, बंगाल में सरसों तेल महंगा होने से बिगड़ा रसोई का बजट
लाॅकडाउन लगा उसके ठीक पहले खुदरा बाजार में सरसों तेल का भाव करीब 90 से 100 रुपये प्रति लीटर के आसपास था। यह बढ़ते हुए वर्तमान में 180-190 रुपये लीटर में तेल बिक रहा है ऐसे में पिछले एक साल में सरसों तेल की कीमत करीब दोगुनी हो गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पिछले एक साल से भी अधिक समय से महामारी के इस दौर में लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी सब्जी महंगी होती है तो कभी डीजल-पेट्रोल के दाम अचानक बढ़ जाते हैं। अब सरसों तेल की कीमत लोगों के घर का बजट बिगाड़ रहा है। चिंताजनक स्थिति यह है कि पिछले एक साल में सरसों तेल के दाम में लगभग शत प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई। यानी पिछले साल सरसों तेल 90 से 110 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था वहीं अब 170 रुपये प्रति लीटर तथा खुदरा बाजार में 200 से 210 रुपये प्रति लीटर (अलग -अलग ब्रांड में) तक बिक रहा है।
इन कारणों से सरसों तेल के दाम बढ़े
पाेस्ता बाजार के वर्किंग प्रेसिडेंट चंदन चक्रवर्ती ने बताया कि राज्य में सरसों तेल पंजाब, यूपी और झारखंड से आता है। अभी केवल राजस्थान से बंगाल में सरसों तेल आ रहा है। यूपी और पंजाब से करीब चार महीनों से तेल नहीं आ रहा है। वहां से कहीं और सप्लाई हो जा रहा है। वहीं लॉकडाउन के कारण सप्लाई पर असर पड़ा है। मील और कारखानों में उस तरह से काम नहीं हो पा रहे हैं जैसा कि पहले होते थे। महंगा होने का यह भी एक कारण है कि राजस्थान से दूरी होने से ट्रांसपोर्ट खर्च भी अधिक है जो कि यूपी की तुलना में ज्यादा है। इन सभी कारणों से भी सरसों तेल के दाम बंगाल में बढ़ रहे हैं। बंगाल में रोजाना 50,000 लीटर प्रति दिन सरसों तेल की खपत है। इसके अलावा लॉकडाउन में सरसों तेल की डिमांड बढ़ी है, कई जगहों पर तेल स्टोर करने की बात सामने आई है। वैश्विक मांग बढ़ रही है। सरसों का तेल एंटीबॉडी है, इसलिए इसकी खपत ज्यादा बढ़ी है। लॉकडाउन से मार्केट में सरसों की आवक कम हुई है ।
सालभर में ऐसे बढ़ते गए दाम
पिछले साल जब लाॅकडाउन लगा उसके ठीक पहले खुदरा बाजार में सरसों तेल का भाव करीब 90 से 100 रुपये प्रति लीटर के आसपास था। 2021 मार्च-अप्रैल में सरसों तेल की कीमत लगभग 130 – 140 रुपये लीटर के आसपास पहुंच गई। यह बढ़ते हुए वर्तमान में 180 – 190 रुपये लीटर में तेल बिक रहा है (अलग – अलग जगहों पर दाम में मामूली अंतर की संभावना)। ऐसे में पिछले एक साल में सरसों तेल की कीमत करीब दोगुनी हो गई है।
घर चलाना भी हो गया है मुश्किल
उपभोक्ताओं ने कहा कि हर महीने ही तेल के दाम में इजाफा मिलता है। जब खरीदने जाता हूं तो पांच से 10 रुपये बढ़े हुए दाम में ही खरीदना पड़ता है। अगर इसी तरह का हाल रहा तो घर चलाना भी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि आमदनी नहीं है और खर्च बढ़ता ही जा रहा है।