West Bengal Politics: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दावे को कांग्रेस ने झुठलाया, वामो भी हुए मुखर

West Bengal Politics मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्‍य में बेरोजगारी दर में 40 फीसद की कमी आयी है जिसे वाममोर्चा और कांग्रेस ने झूठ करार दिया है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sat, 15 Aug 2020 08:01 AM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 08:01 AM (IST)
West Bengal Politics: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दावे को कांग्रेस ने झुठलाया, वामो भी हुए मुखर
West Bengal Politics: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दावे को कांग्रेस ने झुठलाया, वामो भी हुए मुखर

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राज्य में बेरोजगारी दर में 40 फीसद की कमी आई है। यह दावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने युवा दिवस पर ट्वीट करके दो दिन पहले किया था। वाममोर्चा और कांग्रेस ने ममता के इस दावे को सबसे बड़ा झूठ करार देते हुए हमला बोला। कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर चौधरी ने आरोप लगाया कि वह (ममता) बेरोजगारों को रोजगार देने के मुद्दे पर झूठ बोल रही हैं। 

  वाममोर्चा संसदीय दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने सवाल उठाया है कि शिक्षकों की भर्ती क्यों रुकी है? उन्होंने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरु करने की मांग की। कोरोना के कारण पूरी दुनिया में बेरोजगारी बढ़ रही है। इस देश में लाखों लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं। हालांकि, राज्य की तस्वीर पूरी तरह से विपरीत है। मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले हाल ही में दावा किया कि राज्य में बेरोजगारी दर में 40 फीसद की कमी आई है। 

 अधीर चौधरी ने कहा कि ममता सरकार ने बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं किया और बेरोजगारों का मजाक बनाना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अपराधियों की तरह प्रवासी श्रमिकों के साथ वर्ताव किया। यहां काम पाने की उम्मीद में प्रवासी कामगार घोर लौटे हैं। काम नहीं मिल रहा है तो वे वापस जा रहे हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि कभी भी केरल और महाराष्ट्र से श्रमिक यहां नहीं आते। इस राज्य के बेरोजगार युवा दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। दूसरी ओर वाममोर्चा परिषदीय दल के नेता सुजन चक्रवर्ती शिक्षक भर्ती को लेकर मुखर हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार शिक्षकों की नियुक्ति में धोखा कर रही है। 

 प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक भर्ती बंद है। उन्होंने मांग की कि नियुक्ति क्यों बंद है सरकार स्पष्ट करे। साथ ही उन्होंने आगे मांग की कि अगर भर्ती शुरू की गई तो पैसे का खेल नहीं हो। माकपा विधायक ने मांग की कि नियुक्ति पारदर्शिता के माध्यम से की जानी चाहिए।

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