कांग्रेस-माकपा ने विस चुनाव में गठबंधन की करारी हार का ठीकरा आइएसएफ के सिर पर फोड़ा
कांग्रेस-माकपा ने हालिया संपन्न बंगाल विधानसभा चुनाव में गठबंधन की करारी हार के लिए फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने जहां शनिवार को विधान भवन में पार्टी के जिलाध्यक्षों के साथ जरूरी बैठक की
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कांग्रेस-माकपा ने हालिया संपन्न बंगाल विधानसभा चुनाव में गठबंधन की करारी हार के लिए फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने जहां शनिवार को विधान भवन में पार्टी के जिलाध्यक्षों के साथ जरूरी बैठक की, वहीं अलीमुद्दीन स्ट्रीट में माकपा की राज्य कमेटी की बैठक हुई।
बैठक में माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी वर्चुअली उपस्थित थे। बैठक के बाद बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा-'हमारा विधानसभा चुनाव के लिए वाममोर्चा के साथ गठबंधन हुआ था। इसी बीच वाममोर्चा के साथ आइएसएफ का चुनावी समझौता हुआ, जिससे गठबंधन की विश्वसनीयता पर असर पड़ा।'
अधीर रंजन चौधरी ने साफ तौर पर कहा कि चुनाव में आइएसएफ के साथ कांग्रेस का कोई गठबंधन नहीं हुआ था। वाममोर्चा के साथ कांग्रेस के गठबंधन के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह बरकरार है,हालांकि इसमें आइएसएफ को साथ लेकर चलने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। दूसरी तरफ माकपा की राज्य कमेटी की बैठक में पार्टी के हावड़ा बर्द्धमान, मुर्शिदाबाद व दक्षिण 24 परगना के जिलाध्यक्षों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आइएसएफ के साथ गठबंधन भूल थी। जिलाध्यक्षों ने पार्टी के निचले स्तर के कर्मियों के साथ शीर्ष नेतृत्व के खड़े नहीं होने का भी आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि निचले स्तर के कार्यकर्ताओं पर चुनाव बाद से राजनीतिक हमले हो रहे हैं लेकिन इसका सिर्फ इंटरनेट मीडिया पर विरोध हो रहा है, उससे ज्यादा कुछ नहीं।
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अधीर का सवाल, राज्यपाल को हटाने के लिए राष्ट्रपति से आवेदन क्यों नहीं कर रही तृणमूल
बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया कि तृणमूल कांग्रेस अगर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाना चाहती है तो राष्ट्रपति के पास इस बाबत आवेदन क्यों नहीं कर रही? इसे लेकर वह सिर्फ बयान क्यों जारी कर रही है? दिल्ली में राज्यपाल से अपनी मुलाकात फर अधीर ने कहा-' राज्यपाल ने मुझे कॉल किया था और मुलाकात कर साथ में कॉफी पीने की इच्छा जताई थी।' अधीर ने फिर सवाल किया-'क्या मुझे उनसे नहीं मिलना चाहिए था? मुझे लगता है कि यह बंगाल की अतिथि सत्कार की परंपरा का हिस्सा है। अगर राज्यपाल भविष्य में भी मेरे घर आएंगे तो मैं फिर ऐसा ही करूंगा।'