कंसर्न फॉर कलकत्ता और अन्य गैर सरकारी संगठनों ने कारगिल शहीदों को दी श्रद्धांजलि
Martyrs Day केएस अधिकारी अध्यक्ष कंसर्न फॉर कलकत्ता ने हमारे देश के युद्ध नायकों को याद किया और कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के 527 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कंसर्न फॉर कलकत्ता और चुरू नागरिक परिषद ने कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ मनाई और कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर बोलते हुए सामाजिक कार्यकर्ता नारायण जैन ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने 26 जुलाई, 1999 को 'ऑपरेशन विजय' में कारगिल में सामरिक ऊंचाइयों पर कब्जा करने के पाकिस्तान के प्रयासों को नाकाम किया गया था।
केएस अधिकारी, अध्यक्ष, कंसर्न फॉर कलकत्ता ने हमारे देश के युद्ध नायकों को याद किया और कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के 527 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई।
नारायण जैन ने कहा कि कारगिल विजय दिवस न केवल भारत की जीत है, बल्कि उन वीरों को भी श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने देश के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और 'ऑपरेशन विजय' को सफल बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। जैन ने कलकत्ता के लेफ्टिनेंट कणाद भट्टाचार्य को भी श्रद्धांजलि दी जिन्होंने अपनी अंतिम सांस तक कारगिल में लड़ाई लड़ी।
कलकत्ता कंसर्न फॉर के अध्यक्ष और राजस्थान बंगाल मैत्री परिषद के सचिव पवन पहाड़िया ने भी कारगिल विजय दिवस पर भारत के शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि हम उनके बलिदानों को याद करते हैं। हम उनकी वीरता को याद करते हैं।
आज, कारगिल विजय दिवस पर हम उन सभी को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने हमारे देश की रक्षा करते हुए कारगिल में अपनी जान गंवाई। उनकी बहादुरी हमें हर एक दिन प्रेरित करती है।
गौरतलब है कि भारत ने 1999 में पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध किया था, जिसमें भारतीय जवानों ने जीत हासिल की थी। कारगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, उनकी बहादुरी हर एक दिन भारतीयों को प्रेरित करती है।