कोलकाता के हॉस्पिटल के लैब असिस्टेंट की नौकरी के लिए उम्मीदवारों में मारामारी, 15 हजार की नौकरी के लिए 8 हजार से अधिक आवेदन

कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल की टॉक्सिकोलॉजी विभाग में डोम की 6 पोस्ट के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किया।कोविड की वजह से पैदा हुई आर्थिक असुरक्षा के बीच 15 हजार रुपये का वेतन और सरकारी नौकरी की चाह में 8 हजार से अधिक आवेदन आए।

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 09:57 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 10:13 AM (IST)
कोलकाता के हॉस्पिटल के लैब असिस्टेंट की नौकरी के लिए उम्मीदवारों में मारामारी, 15 हजार की नौकरी के लिए 8 हजार से अधिक आवेदन
कोलकाता के हॉस्पिटल के लैब असिस्टेंट की नौकरी के लिए उम्मीदवारों में मारामारी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंदना मिस्त्री बंगाली लिटरेचर में पोस्ट ग्रेजुएट हैं, स्वर्णाली सामंता ने हिस्ट्री से पढ़ाई की है, वहीं शिखा सिन्हा के पास पॉलिटिकल साइंस में स्नातक की डिग्री है। इन सभी महिलाओं की उच्च शिक्षा भले ही अलग-अलग विषयों से हुई हो, लेकिन एक समानता सुरक्षित नौकरी हासिल कर पाने की कोशिश है। यह तीनों महिलाएं उन 300 प्रतियोगियों में शामिल हैं, जो हॉस्पिटल के लैब असिस्टेंट या बोलचाल की भाषा में 'डोम' की पोस्ट के फाइनल राउंड तक पहुंचे हैं।

कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल की फॉरेन्सिक मेडिसिन ऐंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग में डोम की 6 पोस्ट के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किया था। कोविड की वजह से पैदा हुई आर्थिक असुरक्षा के बीच 15 हजार रुपये का वेतन और सरकारी नौकरी की चाह में 8 हजार से अधिक आवेदन आए थे। इनमें 2200 ग्रेजुएट, 500 पोस्ट ग्रेजुएट और करीब 100 बी.टेक डिग्रीधारी इंजिनियर शामिल थे।

'ओवरक्वालिफाइड लोग शामिल'

लिखित परीक्षा के लिए इनमें से 784 को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिनमें 84 महिलाएं शामिल थीं। परीक्षा में 50 महिलाओं सहित करीब 300 प्रतियोगी सम्मिलित हुए। कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल इंदिरा डे ने कहा, 'मैं खुद इस पोस्ट के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं और ओवरक्वालिफाइड लोगों के शामिल होने से हैरान हूं। हो सकता है कि सरकारी नौकरी में सुरक्षा की भावना ही इसके पीछे मुख्य कारण हो। दो महीने के अंदर हम नतीजे जारी कर देंगे।'

'नौकरी की है सख्त जरूरत'

राजरहाट निवासी शिखा (32) के पति सिक्यॉरिटी गार्ड की नौकरी करते थे लेकिन कोरोना काल में नौकरी चली गई। उन्होंने कहा, 'जब नौकरी देने वाला पुरुष और महिला में भेद नहीं कर रहा है तो फिर मैं क्यों करूं। मुझे जॉब की सख्त जरूरत है और पुरुषों के साथ काम करने में भी किसी तरह की दिक्कत नहीं है।' अभी हॉस्पिटल में 4 डोम हैं, जिनमें से केवल एक ही महिला है।

'योग्यता थी 8वीं पास लेकिन...'

कुछ ऐसा ही मानना हावड़ा निवासी 23 वर्षीय बंदना का है, जिन्होंने टीचिंग लाइन में जाने के अपने सपने पर ब्रेक लगाते हुए परिवार की जरूरतों के मद्देनजर सरकारी नौकरी के लिए इस पोस्ट के लिए आवेदन किया है। 22 साल की बनिता मंडल बताती हैं कि इस नौकरी के लिए पोस्ट पिछले साल दिसंबर में निकली थी। योग्यता आठवीं पासआउट और उम्र 18 से 40 के बीच की मांगी गई थी। लेकिन उच्च शिक्षा वाले लोगों के बड़ी संख्या में आवेदन से कम पढ़े-लिखों के सामने दिक्कत हो गई है। 

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