Bengal Chunav: हिंसा रोकने में आयोग का इंतजाम हो रहा नाकाम, धारा 144 लागू व केंद्रीय बल की भारी तैनाती फिर भी जमकर मारपीट
तीसरे चरण के मतदान के दौरान दक्षिण 24 परगना जिले से लेकर हावड़ा और हुगली जिले की 31 विधानसभा क्षेत्रों से मंगलवार को जो खबरें आई वह यह बताने को काफी है कि बंगाल में कुछ भी कर लो लेकिन शांतिपूर्ण मतदान संभव नहीं है।
कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। बंगाल में विधानसभा चुनाव का तीसरा चरण भी संपन्न हो गया, लेकिन हिंसा नहीं रूकी। चुनाव आयोग की ओर से हिंसा रोकने के लिए अब तक जो भी इंतजाम किए गए हैं वह नाकाम साबित हो रहे हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि आम लोग अपने मताधिकार के इस्तेमाल को लेकर काफी सजग दिख रहे हैं और धमकी, हमले और अशांति के बावजूद भारी संख्या में लोग घरों से बाहर निकलकर मतदान कर रहे हैं।
तीसरे चरण के मतदान के दौरान दक्षिण 24 परगना जिले से लेकर हावड़ा और हुगली जिले की 31 विधानसभा क्षेत्रों से मंगलवार को जो खबरें आई वह यह बताने को काफी है कि बंगाल में कुछ भी कर लो लेकिन शांतिपूर्ण मतदान संभव नहीं है। वैसे तो बंगाल के साथ-साथ चार और राज्यों में आज वोट डाले गए, लेकिन जिस तरह की घटनाएं यहां हुई वैसा कहीं से भी सामने नहीं आई।
पूरे दिन मीडिया के कैमरे के सामने जो भी कुछ होता रहा वह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। महिलाएं भी धमकी से नहीं डर रही हैं। हुगली जिले लेकर हावड़ा और दक्षिण 24 परगना जिले तक कहीं भाजपा तो कहीं तृणमूल प्रत्याशियों पर हमला किया गया। हिंसा के पूर्व इतिहास के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सोमवार को पूरे 31 विधानसभा क्षेत्रों में धारा 144 को लागू कर दिया था। केंद्रीय बल की 631 कंपनियां और राज्य पुलिस के 20 हजार से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। फिर भी हिंसा नहीं रूकी। जिन क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान हुए, वहां पिछले आठ वर्षो में जितने चुनाव हुए, किसी में भी शांतिपूर्ण, निर्बाध और निष्पक्ष मतदान नहीं हुए थे।
आठ चरण में चुनाव और दो मई को नतीजे
राज्य में 294 विधानसभा सीटों पर आठ चरणों में मतदान होने हैं। पहले चरण का मतदान 27 मार्च और दूसरे चरण का मतदान 1 अप्रैल, 6 अप्रैल को तीसरे चरण का मतदान, 10 अप्रैल को चौथे, 17 अप्रैल को पांचवें, 22 अप्रैल को छठे, 26 अप्रैल को सातवें और 29 अप्रैल को आठवें चरण का मतदान होगा। नतीजे दो मई को आएंगे।