सीबीआइ के हाथ लगी विनय मिश्रा मामले में 'प्रभावशालियों के नाम' से भरी डायरी, एक शर्त है जांच में सहयोग करे विनय मिश्रा

कोयला व मवेशी तस्करी में आरोपित विनय मिश्रा के मामले में सीबीआइ के हाथ एक डायरी लगी है जिसमें कई प्रभावशालियों के नाम होने की बात कही जा रही है। विनय मिश्रा मामले में सीबीआइ का दावा है कि इस के जड़ में एक बड़ी साजिश है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 09:42 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 09:42 PM (IST)
सीबीआइ के हाथ लगी विनय मिश्रा मामले में 'प्रभावशालियों के नाम' से भरी डायरी, एक शर्त है जांच में सहयोग करे विनय मिश्रा
विनय मिश्रा के मामले में सीबीआइ के हाथ एक डायरी लगी है

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः कोयला व मवेशी तस्करी में आरोपित विनय मिश्रा के मामले में सीबीआइ के हाथ एक डायरी लगी है, जिसमें कई प्रभावशालियों के नाम होने की बात कही जा रही है। विनय मिश्रा मामले में सीबीआइ का दावा है कि इस के जड़ में एक बड़ी साजिश है। मिश्रा मामले में गाय तस्करी के मुख्य आरोपित इमानुल बीएसएफ कमांडेंट मनोज सना को रुपये भेजता था। वहां से रुपये अपने एक सहयोगी सतीश के जरिए विनय को पहुंचता था। इस पूरे गिरोह के अपराधियों को सुरक्षा सुनिश्चित करने का जिम्मा विनय के कंधे पर था।

पुलिस, प्रशासन सब उसके हाथ में था। सीबीआइ को शुरुआती जांच में सारी जानकारी मिलने के साथ ही मनोज सना की एक डायरी भी मिली है। जिसमें हुमायूं कबीर का नाम (लेकिन सीबीआइ ने यह खुलासा नहीं किया है कि यह हुमायूं कौन है?) सामने आया है। उसमें मनोज के भाई बबला सना का भी नाम है। सीबीआइ का दावा है कि सीमावर्ती इलाके की सुरक्षा से केंद्र का गहरा नाता है। बीएसएफ और सरकारी अधिकारी भी मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं। इसलिए यह केंद्र समेत राष्ट्रहित का मामला है। सीबीआइ जांच करेगी।

सीबीआइ इस तस्करी कांड के प्रमुख आरोपितों में से एक विनय मिश्रा को देश वापस लाने को लेकर तत्पर है। देश लौटने पर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट में यह बात कही। हालांकि, एजेंसी ने गिरफ्तारी न करने को लेकर कई शर्तें जरूर रखी है। सीबीआइ ने कहा है कि अगर मिश्रा 12 जुलाई तक देश लौट आए तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। तृणमूल युवा के इस पूर्व नेता के खिलाफ कोई रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी नहीं किया जाएगा। सीबीआइ के अधिवक्ता वाईजे दस्तूर ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में कहा कि जांच में सहयोग करना यही एकमात्र शर्त है।

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