Chit fund scam: सारधा कांड में तृणमूल नेता कुणाल घोष ने किया सरेंडर, सीबीआइ की विशेष अदालत से मिली जमानत

हजारों करोड़ रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने सीबीआइ की विशेष अदालत में गुरुवार को सरेंडर किया। इसके बाद अदालत ने 20 हजार  रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 07:01 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 07:31 PM (IST)
Chit fund scam: सारधा कांड में तृणमूल नेता कुणाल घोष ने किया सरेंडर, सीबीआइ की विशेष अदालत से मिली जमानत
हजारों करोड़ रुपये का सारधा चिटफंड घोटाला

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः हजारों करोड़ रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) द्वारा दायर एक मामले में गुरुवार को यहां की एक विशेष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया जिसके बाद अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। विशेष सीबीआइ अदालत ने घोष को 20,000 रुपये के जमानत बांड के साथ ही 10,000 रुपये के दो मुचलके प्रस्तुत करने और पीएमएलए मामले में जांच अधिकारी की सहायता करने का निर्देश दिया।

सारधा मामले में धनशोधन के आरोपों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर अदालत ने 27 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस नेता और दो अन्य को 20 सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया था। घोष के वकील ने दावा किया कि उन्होंने अदालत द्वारा समन जारी होने की सूचना मिलने के तुरंत बाद गुरुवार को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और बेगुनाह हैं।

जमानत अर्जी का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक अभिजीत भद्र ने अदालत को बताया कि आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और मामले में उनके मुकदमे से बचने की पूरी गुंजाइश है। घोष पर मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन को अपराध और धनशोधन की आय हासिल करने में मदद करने का आरोप लगाया गया है। विशेष सीबीआइ न्यायाधीश अनुपम मुखर्जी ने घोष के संबंध में सारधा मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच पूरी होने पर गौर करते हुए कहा कि उन्हें सलाखों के पीछे रखने का कोई कारण नहीं है। सारधा समूह ने बंगाल में कई पोंजी योजनाओं के जरिए लाखों लोगों को ठगा।

ईडी की चार्जशीट में कुणाल घोष की ‘स्ट्रैटेजी मीडिया’ कंपनी का नाम है। इसी तरह सुमन चटर्जी के दो कंपनी के नाम भी वहां बताए गए हैं। बताते चलें कि 2013 में सारधा चिटफंड घोटाले के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गठित पुलिस की विशेष जांच टीम ने कुणाल घोष को गिरफ्तार किया था। इसके बाद वे लंबे समय तक जेल में बंद थे और कुछ वर्ष पहले हाई कोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर हैं।

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