बंगाल चुनाव में तीसरी बार जीत के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर दिल्ली पर, तृणमूल संसदीय दल की चेयरपर्सन चुनी गईं
विधानसभा चुनाव में तीसरी बार जीत के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर दिल्ली पर है। शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन बनाने का निर्णय लिया गया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः विधानसभा चुनाव में तीसरी बार जीत के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर दिल्ली पर है। शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन बनाने का निर्णय लिया गया है। राज्यसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने मीडिया में इसकी घोषणा की। डेरेक ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सर्वसम्मति से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया है। बता दें कि ममता सात बार सांसद रह चुकी हैं और लगातार तीन बार बंगाल की सीएम बनी हैं। बताया गया है कि राज्यसभा व लोकसभा तृणमूल संसदीय दल की प्रमुख ममता होंगी। इसे राष्ट्रीय राजनीति में पैठ बनाने की तृणमूल की रणनीति का है अहम हिस्सा माना जा रहा है।
डेरेक ने कहा कि पार्टी प्रमुख के अनुभव को देखते हुए रणनीतिक रूप से और उनके अनुभव को इस्तेमाल करने के लिए उन्हें संसदीय दल का नेता बनाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही डेरेक ने आज राज्यसभा के पार्टी सदस्य शांतनु सेन को निलंबित किए जाने को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला बोला।
शांतनु सेन ने कहा कि इसके पहले भी किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर टीएमसी के दो सांसदों, कांग्रेस के तीन सांसदों और वामपंथी पार्टियों के दो सांसदों को सदन से निलंबित किया जा चुका है, लेकिन इस तरह से भाजपा उन लोगों का मुंह नहीं बंद करवा पाएगी। वे लोग भाजपा की जनता के हित के खिलाफ लिए गए फैसले को लेकर आवाज उठाते रहेंगे।
ममता का 26 जुलाई से दिल्ली दौरा शुरू हो रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद ममता का यह पहला दिल्ली दौरा है। भाजपा की कड़ी टक्कर के बावजूद धानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने जीत दर्ज कर तीसरी बार सीएम बनने में सफल रही हैं। उनका दौरा राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वह 26 जुलाई को दोपहर तीन बजे कोलकाता से दिल्ली के लिए रवाना होंगी। वह 27 से 29 जुलाई तक दिल्ली में रहेंगी और 30 जुलाई को कोलकाता लौट आएंगी। इसी दौरान उनकी नेताओं के साथ बैठक होंगी। वह संसद भी जाएंगी। वहां भी नेताओं से मुलाकात करेंगी।