Chaiti Chhath: कोरोना के चलते घरों से ही लोगों ने चैती छठ पर सूर्य देवता को दिया अर्घ्य

Chaiti Chhath हुगली जिले के रिसड़ा चांपदानी तेलनीपाड़ा डानकुनी बैंडल तथा बांसबेड़िया इलाके में रहने वाले बिहार व उत्तर प्रदेश के लोगों ने चैती छठ के मौके पर अपने घरों के आंगन व छतों पर जलाशय बनाकर रविवार को सूर्य देवता को अर्ध्य दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:05 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:05 PM (IST)
Chaiti Chhath: कोरोना के चलते घरों से ही लोगों ने चैती छठ पर सूर्य देवता को दिया अर्घ्य
कोरोना के चलते घरों से ही लोगों ने चैती छठ पर सूर्य देवता को दिया अर्घ्य। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Chaiti Chhath: कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर बंगाल में बड़ी संख्या में रह रहे हिंदीभाषी लोगों ने इस बार आस्था का महापर्व 'चैती छठ' श्रद्धा के साथ अपने- अपने घरों में ही मनाया। रविवार शाम को छठव्रतियों ने विधिवत भगवान सूर्य की पूजा की। उसके बाद सूर्यअस्त होने के पहले डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। राज्य में कुछ जगहों पर चैती छठ पूजा करने वाली व्रती महिलाएं व उनके स्वजन गंगा घाटों पर भी नजर आए, लेकिन अधिकांश लोग इस बार चैती छठ अपने स्वजनों के साथ अपने-अपने घरों में ही करते दिखे। बिहार में चैती छठ भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इधर, बंगाल के हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना तथा बर्द्धमान जिले के विभिन्न इलाकों में रह रहे बिहार के लोगों ने इस त्यौहार को भक्ति भाव से मनाया।

हुगली जिले के रिसड़ा, चांपदानी, तेलनीपाड़ा, डानकुनी, बैंडल तथा बांसबेड़िया इलाके में रहने वाले बिहार व उत्तर प्रदेश के लोगों ने चैती छठ के मौके पर अपने घरों के आंगन व छतों पर जलाशय बनाकर रविवार को सूर्य देवता को अर्ध्य दिया। शनिवार की शाम से ही इन सब इलाकों में छठ पूजा का माहौल छा गया था। रविवार को इन इलाकों में दिनभर छठी मैया की गीतें सुनाई दी, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय नजर आया। यही नजारा हावड़ा के बाली, सालकिया, बांधाघाट, बेलियस रोड, शिवपुर, फांसीतल्ला मोड़, एमसी घोष लेन, दासनगर, टिकियापाड़ा, गोलाबाड़ी आदि इलाकों में दिखा। सोमवार सुबह में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चैती छठ का समापन होगा।

कार्तिक मास में होने वाली छठ पूजा की तुलना में चैती छठ की पूजा कम लोग करते हैं। इस बार चैती छठ 16 अप्रैल को लौकी- भात खाकर छठ व्रतियों ने नाहाय- खाय के साथ महापर्व की शुरुआत की। शनिवार को महिलाओं ने गुड़ का खीर व रोटी खाकर खरना का पालन किया। इधर, हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस हिंदी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विजय सागर मिश्रा ने कहा कि बिहार व उत्तर प्रदेश के लोग इस महापर्व को बड़े उत्साह के साथ प्रत्येक वर्ष मनाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के बेलगाम होने के कारण लोगों ने स्वास्थ्य नियमों का पालन करते हुए अपने- अपने घरों में ही श्रद्धा के साथ चैती छठ का पर्व मनाया है। उन्होंने छठ माता से प्रार्थना की कि जल्द ही पूरे देश से कोरोना का प्रकोप खत्म हो और लोग पहले की तरह ही सभी त्योहार व पर्व को मना सकें। 

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