शुभेंदु के परिवहन मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद तृणमूल नेतृत्व ने मालदा जिले के पार्टी नेताओं को कोलकाता किया तलब

शुभेंदु के परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद तृणमूल नेतृत्व ने मालदा जिले के पार्टी नेताओं को कोलकाता किया तलब बदलते राजनीतिक हालात में मालदा जिले के नेताओं के मनोभाव को जानने की जुगत में तृणमूल नेतृत्व।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 02:04 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 02:04 PM (IST)
शुभेंदु के परिवहन मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद तृणमूल नेतृत्व ने मालदा जिले के पार्टी नेताओं को कोलकाता किया तलब
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी के राज्य के परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मालदा जिले के अपने नेताओं को कोलकाता तलब किया है। पार्टी के मालदा जिला अध्यक्ष मोयाज्जेम हुसैन, जिले की सभानेत्री मौसम बेनजीर नूर, जिला परिषद के सभाधिपति गौड़चंद्र मंडल, राज्य के दो पूर्व मंत्री कृष्णेंदु नारायण चौधरी व सावित्री मैत्र, तीन को-आर्डिनेटर दुलाल चंद्र सरकार, अमलान भादुड़ी व मानव बंद्योपाध्याय को अविलंब कोलकाता आने को कहा गया है।

तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि पार्टी की मालदा जिला कोर कमेटी में शामिल सभी को अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता तलब किया गया है। हालांकि इन नेताओं से किस मसले पर बातचीत की जाएगी, इसका खुलासा नहीं किया गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शुभेंदु अधिकारी के मंत्रिपद से इस्तीफा देने के बाद जो परिस्थितियां पैदा हो रही हैं, उसमें तृणमूल नेतृत्व अपने मालदा जिले के नेताओं के मनोभाव को जान लेना चाहता है इसलिए उन्हें तुरंत तलब किया गया है।

इसकी एक प्रमुख वजह यह भी है कि कोर कमेटी के कई सदस्य शुभेंदु अधिकारी के बेहद करीबी बताए जा रहे हैं। मौसम बेनजीर नूर के कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में आने में शुभेंदु अधिकारी की अहम भूमिका रही है। इसी तरह अमलान भादुड़ी भी शुभेंदु अधिकारी के काफी करीबी माने जाते हैं।

दरअसल तृणमूल नेतृत्व नही चाहता कि शुभेंदु अधिकारी के इस कदम से उसके मालदा जिला नेतृत्व में किसी तरह की टूट पड़े इसलिए वह इस प्रयास में जुट गया है। पार्टी विधायक मिहिर गोस्वामी के पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने से भी तृणमूल को तगड़ा झटका लगा है।

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