कलकत्ता लेदर कॉम्प्लेक्स को मिला 5000 करोड़ रुपये का निवेश, 3 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

पर्यावरण की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए चमड़े के कारोबार के लिए बंगाल सरकार द्वारा स्थापित कलकत्ता लेदर कॉम्प्लेक्स (सीएलसी) में 5000 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव मिला है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 02:28 PM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 02:28 PM (IST)
कलकत्ता लेदर कॉम्प्लेक्स को मिला 5000 करोड़ रुपये का निवेश, 3 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
कलकत्ता लेदर कॉम्प्लेक्स को मिला 5000 करोड़ रुपये का निवेश, 3 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

कोलकाता,जागरण संवाददाता। पर्यावरण की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए चमड़े के कारोबार के लिए  बंगाल सरकार द्वारा स्थापित कलकत्ता लेदर कॉम्प्लेक्स (सीएलसी) में 5000 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव मिला है। शनिवार को राज्य के वित्त व उद्योग विभाग की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है।

बताया गया है कि चमड़े का कारोबार होने के बावजूद यहां मौजूदा संयंत्र पर्यावरण अनुकूल कार्य करने के लिए पूरी तरह से वैज्ञानिक सलाह पर चलते हैं। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक यहां अपशिष्ट जल को रसायनिक, यांत्रिक और जैविक रूप से उपचारित करने के बाद ही छोड़ा जाता है। इसके साथ ही हजारों पेड़ भी लगातार लगाए जा रहे हैं जिसकी वजह से संयत्र के आसपास का वायुमंडल भी बेहद स्वस्थ होता जा रहा है। मोटे तौर पर सरकार के अनुमान के अनुसार यह एशिया में सबसे बड़ा चमड़ा परिसर है।

इसके साथ ही अगले पांच वर्षों में तीन लाख नौकरियां सृजित होने का अनुमान है। पिछले साल दिसंबर में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य को चमड़े के परिसर में व्यवसाय स्थापित करने के इच्छुक निवेशकों से लगभग 1,000 आवेदन मिले हैं। वर्तमान में, 400 टेनरियों में लगभग 1.5 लाख लोग कार्यरत हैं। इस साल 15 फरवरी को लेदर कंपलेक्स के सीईओ को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और कपड़ा विभाग ने आश्वस्त किया है कि राज्य ने सभी आईटी और टेलीकॉम फर्मों को न्यू टाउन में बंगाल सिलिकॉन वैली में स्थानांतरित करने का फैसला किया था।

शिफ्ट का निर्णय इसलिए लिया गया था कि सीएलसी के पूरे क्षेत्र का उपयोग चमड़ा उद्योग के लिए किया जा सकता है। दो सप्ताह पहले बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान यूपी, तमिलनाडु और बंगाल के तीन बड़े टिकट निवेशकों को सीएलसी में टोकन भूमि आवंटित की गई थी। इसके अलावा लेदर कॉम्प्लेक्स ने ठोस अपशिष्ट से बायोगैस उत्पन्न करने के लिए केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान के सहयोग से एक पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया है।

chat bot
आपका साथी