गंगासागर में मकर संक्रांति पर पुण्य स्नान की अनुमति देने पर 13 को फैसला सुनाएगा कलकत्ता हाईकोर्ट
गंगासागर मेले में कोरोना से सुरक्षा को लेकर ममता सरकार की तरफ से किए गए इंतजाम पर शुक्रवार को इस मामले पर हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने प्राथमिक तौर पर जताया संतोष हालांकि ई-स्नान पर जोर देने को कहा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट गंगासागर में मकर संक्रांति पर पुण्य स्नान की अनुमति देने पर 13 जनवरी को फैसला सुनाएगा। शुक्रवार को इस मामले पर हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन की पीठ ने गंगासागर मेले में कोरोना से सुरक्षा को लेकर ममता सरकार की तरफ से किए गए इंतजाम पर प्राथमिक तौर पर संतोष जताया, हालांकि मकर संक्रांति पर वहां पुण्य स्नान की अनुमति दी जाएगी या नहीं, इसपर अपने निर्णय को सुरक्षित रखा है। इस मामले पर 13 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई में अदालत इसपर अंतिम फैसला सुनाएगी। गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन ने गंगासागर मेले की तैयारियों पर गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय से रिपोर्ट मांगी थी।
दाखिल की गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने प्राथमिक तौर पर इसे संतोषजनक पाया, हालांकि इसके बावजूद उन्होंने राज्य सरकार को ई-स्नान को प्रोत्साहित करने पर जोर देने को कहा। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी सवाल किया कि राज्य सरकार ई-स्नान को बाध्यतामूलक क्यों नहीं कर रही? सरकार इसे प्रोत्साहित करने के लिए प्रचार अभियान चलाए।
गौरतलब है कि गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि जीने का अधिकार सबसे बड़ा मौलिक अधिकार है। बाकी सब उसके बाद आता है। अगर अदालत को लगेगा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार की तरफ से गंगासागर मेले में की गई व्यवस्था पर्याप्त नहीं है तो इसके आयोजन पर रोक लगाई जा सकती है। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा था कि गंगासागर मेले की तुलना दुर्गापूजा व छठपूजा से नहीं की जा सकती। इसकी तुलना सिर्फ कुंभ मेले से हो सकती है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में सिर्फ वहीं लोग स्नान करने जाते हैं। अजय कुमार दे नामक शख्स ने गंगासागर मेले का आयोजन रोकने के लिए हाईकोर्ट में मामला किया था। उन्होंने गंगासागर मेला परिसर को 'कंटेनमेंट जोनÓ घोषित करने की अदालत से अपील की थी।
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कैसे करें ई-स्नान?
ई-स्नान घर पर ही मोबाइल एप पर गंगासागर तट का लाइव कवरेज देखते हुए गंगाजल से किया जा सकता है। दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन की तरफ से इस बाबत मोबाइल एप लांच किया जा रहा है।