कलकत्ता हाईकोर्ट ने विश्वभारती के तीन छात्रों के निलंबन पर लगाई अंतरिम रोक, अगले आदेश तक क्लास में बैठ सकेंगे छात्र

कलकत्ता हाईकोर्ट ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के तीन छात्रों के निलंबन पर अंतरिम रोक लगा दी है। निलंबित किए गए छात्र अदालत के अगले आदेश तक क्लास में बैठ सकेंगे। अदालत ने इस बात को माना कि छात्रों को छोटी गलती की बहुत बड़ी सजा दी गई है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 04:55 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 04:55 PM (IST)
कलकत्ता हाईकोर्ट ने विश्वभारती के तीन छात्रों के निलंबन पर लगाई अंतरिम रोक, अगले आदेश तक क्लास में बैठ सकेंगे छात्र
विश्वभारती के छात्रों के आंदोलन करने पर भी निषेधाज्ञा जारी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के तीन छात्रों के निलंबन पर अंतरिम रोक लगा दी है। निलंबित किए गए छात्र अदालत के अगले आदेश तक क्लास में बैठ सकेंगे। अदालत ने इस बात को माना कि छात्रों को छोटी गलती की बहुत बड़ी सजा दी गई है। अदालत ने इसके साथ ही विश्वभारती के छात्रों के आंदोलन करने पर भी निषेधाज्ञा जारी की है। विश्वभारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने छात्रों द्वारा अपने घेराव के बाद हाईकोर्ट में मुकदमा किया था। उसी मामले पर आज हुई सुनवाई में न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने यह निर्देश दिया। मामले पर अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

कुलपति का विरोध कर रहे विश्वभारती के शिक्षकों के अधिवक्ता अरुणाभ घोष ने अदालत में कहा कि कुलपति के कारण ही शांतिनिकेतन में पौष मेला बंद हो गया है। शांतिनिकेतन के आम लोग भी उन्हें पसंद नहीं करते। वह सड़े हुए आलू की बोरी की तरह हैं। वही आंदोलनकारी छात्रों के अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि भारतीय दंड संहिता के मुताबिक किसी छात्र के गलती करने के बाद माफी मांगने पर उसे क्लास में बैठने की अनुमति दी जाती है। यही नियम है।

तीन साल के लिए निलंबित कर देना किस तरह का आचरण है? दूसरी तरफ कुलपति के अधिवक्ता ने दलील पेश करते हुए कहा कि विश्वभारती की कमेटी की बैठक में यह सजा देने का निर्णय लिया गया था। यह कुलपति के अकेले का फैसला नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि कुलपति की गाड़ी रोककर उसकी तलाशी लेना क्या उचित है?

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि अगले आदेश तक छात्र विश्वभारती में किसी तरह का विरोध-प्रदर्शन या आंदोलन नहीं कर पाएंगे। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा। अदालत ने आगे कहा कि छात्रों के निलंबन पर फिलहाल रोक लगाई जा रही है यानी वे क्लास में बैठ सकेंगे।

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