कलकत्ता हाईकोर्ट ने 'एम्फन' के राहत आवंटन में हुई धांधली की जांच का जिम्मा कैग को सौंपा
मुख्य न्यायाधीश की अगुआई वाली खंडपीठ ने कैग को तीन माह में रिपोर्ट अदालत में जमा करने को कहा। राहत आवंटन में भ्रष्टाचार में जो सरकारी अधिकारी लिप्त हैं उन्हें ढूंढकर निकालना होगा और उनके खिलाफ राज्य प्रशासन की तरफ से क्या कार्रवाई की जा रही इसकी जानकारी देनी होगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने चक्रवाती तूफान 'एम्फन 'के बाद राज्य सरकार की तरफ से घोषित राहत आवंटन में हुई धांधली की जांच का जिम्मा कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (कैग) को सौंप दिया है। मुख्य न्यायाधीश की अगुआई वाली खंडपीठ ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कैग को तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट अदालत में जमा करने को कहा है। गौरतलब है कि राहत आवंटन में 100 करोड़ रुपये की धांधली का आरोप है। हाईकोर्ट ने कहा कि जिन लोगों को राहत मिली है, उसकी एक सूची तैयार करनी होगी। सभी क्षतिग्रस्तों को राहत मिली है या नहीं, यह भी बताना होगा।
जो सरकारी अधिकारी लिप्त हैं, उन्हें ढूंढकर निकालना होगा
राहत आवंटन में हुए भ्रष्टाचार में जो सरकारी अधिकारी लिप्त हैं, उन्हें ढूंढकर निकालना होगा और उनके खिलाफ राज्य प्रशासन की तरफ से क्या कार्रवाई की जा रही है, इसकी भी जानकारी देनी होगी। राज्य सरकार को इस बाबत हलफनामा दाखिल कर अपना रूख साफ करना होगा। गौरतलब है कि गत मई महीने में बंगाल में आए चक्रवाती तूफान से काफी क्षति पहुंची थी। सबसे ज्यादा नुकसान दक्षिण 24 परगना जिले में हुआ था।
राज्य प्रशासन क्या कार्रवाई की जा रही, जानकारी देनी होगी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवात पीड़ितों की मदद के लिए राहत की घोषणा की थी। प्रभावितों द्वारा किए गए आवेदन के आधार पर उन्हें राहत मुहैया करने का प्रावधान था। जिनके घर को तूफान से व्यापक रूप से क्षति पहुंची थी, उन्हें 20,000 रुपये का मुआवजा देने की बात कही गई थी। विरोधी राजनीतिक दलों ने इसमें व्यापक धांधली का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि राहत के लिए आवंटित रुपये तृणमूल कांग्रेस के नेताओं व मंत्रियों ने अपनी जेब में भर लिए हैं। उन्होंने इसके विरोध में विभिन्न जिलों में प्रदर्शन भी किया था।
भाजपा नेता मुकुल राय ने हाईकोर्ट के फैसले का किया स्वागत
भाजपा नेता मुकुल राय ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। मुकुल राय ने सरकारी शिक्षकों को तृणमूल कांग्रेस के चुनावी कार्यों में लगाए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकारी शिक्षकों को पोलिंग ऑफिसर बनाया जाएगा, जो अनैतिक है चुनाव आयोग को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।