कलकत्ता हाईकोर्ट का राज्य के सभी अनुमंडल व जिला अदालतों को सामान्य कामकाज फिर से शुरू करने का निर्देश

मामलाकारी व अधिवक्ता सशरीर वर्चुअली अथवा हाइब्रिड तरीके से अदालत में हो सकते हैं उपस्थित। राज्य की सभी निचली अदालतों के कर्मचारियों अधिवक्ताओं और उनके कर्मचारियों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। सवाल यह है कि अदालत परिसर में समग्र रूप से इसका अनुपालन कितना संभव हो पाएगा।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 01:36 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 01:36 PM (IST)
कलकत्ता हाईकोर्ट का राज्य के सभी अनुमंडल व जिला अदालतों को सामान्य कामकाज फिर से शुरू करने का निर्देश
कलकत्ता हाईकोर्ट का राज्य के सभी अनुमंडल व जिला अदालतों को सामान्य कामकाज फिर से शुरू करने का निर्देश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट प्रशासन ने राज्य के सभी अनुमंडल व जिला अदालतों को सामान्य कामकाज फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट की रजिस्ट्रार जनरल अनन्या बनर्जी ने इसकी जानकारी दी। हाईकोर्ट प्रशासन के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि निचली अदालतों को सप्ताह के सभी कार्य दिवसों में सामान्य रूप से कार्य करना चाहिए। मामलाकारी व अधिवक्ता सशरीर, वर्चुअली अथवा हाइब्रिड (सशरीर और वर्चुअली) तरीके से अदालत में उपस्थित हो सकते हैं।

हाईकोर्ट प्रशासन ने कोविड-19 संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है। इस संबंध में कई दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं। अधिवक्ता, उनके कर्मचारी और मुवक्किल कोरोना का दोनों टीका लगवाने अथवा पेशी से 72 घंटे पहले की गई आरटीपीसीआर रिपोर्ट के आधार पर ही अदालत में पेश हो सकेंगे। कोर्ट परिसर में मास्क पहनना और सफाई की व्यवस्था अनिवार्य है। कोर्ट में भीड़ लगाए बिना और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मामले की सुनवाई की जाए।

राज्य की सभी निचली अदालतों के कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और उनके कर्मचारियों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। अधिवक्ताओं के एक वर्ग का कहना है कि अदालत कक्ष में भीड़ नियंत्रण व कोरोना संबंधी अन्य नियम लागू होने के बावजूद सवाल यह है कि अदालत परिसर में समग्र रूप से इसका अनुपालन कितना संभव हो पाएगा।

कई जिला और अनुमंडल न्यायालय वस्तुतः खुले प्रांगणों या बड़े कार्यालय क्षेत्रों में स्थित हैं। भीड़भाड़ के कारण निचली अदालतों का सामान्य कामकाज बाधित हो गया है। इसके चलते कई मामले लंबित हैं। दूसरी थरफ कई लोगों ने मामलाकारियों के साथ-साथ अधिवक्ताओं और उनके कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति को देखते हुए इस कदम का स्वागत किया है। 

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