Budget Session: राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान के आरोप का फिर दिया जवाब

तृणमूल कांग्रेस के लगातार तीसरी बार बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के बाद गठित नई विधानसभा के पहले सत्र के बजट अभिभाषण को संबोधित करने से पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने फिर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय के आरोप का जवाब दिया है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 01 Jul 2021 08:32 PM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 08:32 PM (IST)
Budget Session: राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान के आरोप का फिर दिया जवाब
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने फिर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय के आरोप का जवाब दिया

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के लगातार तीसरी बार बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के बाद गठित नई विधानसभा के पहले सत्र के बजट अभिभाषण को संबोधित करने से पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने फिर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय के आरोप का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कह रहे हैं कि राज्यपाल डनलप इंडिया (उपक्रम के अधिग्रहण एवं हस्तांतरण) विधेयक 2019 को दबाकर बैठ गए हैं जबकि हकीकत यह है कि राष्ट्रपति महोदय ने विधेयक पर सहमति पर रोक लगाकर 15 जनवरी, 2019 को इस मामले का निपटारा कर दिया था। राज्यपाल ने सवाल किया कि मीडिया इस मामले में चुप क्यों है?

गौरतलब है कि बुधवार को भी राज्यपाल ने इस आरोप पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था--'आपकी (विधानसभा अध्यक्ष) तरफ से यह बात कही गई है कि विधानसभा में पारित किए गए कई विधेयकों को राज्यपाल की ओर से अनुमोदित नहीं किया जा रहा है। यह गलत है। सिर्फ एक विधेयक को छोड़कर बाकी सारे को अनुमोदित कर दिया गया है।

राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर उनकी शिकायत किए जाने पर भी अफसोस जताया था। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा था-'मुझे यह जानकर काफी दुख हुआ कि आपने लोकसभा अध्यक्ष को मेरे विधानसभा के कामकाज में हस्तक्षेप करने की कोशिश करने की बात कही है। इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता और यह वास्तविकता से दूर है।

ऐसा करने से पहले आपने एक बार मुझसे चर्चा करना जरूरी नहीं समझा?'

राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए आगे कहा था-'मैं आपके ध्यान में यह बात लाना चाहूंगा कि आपके क्रियाकलाप के कारण कई बार राज्यपाल के पद की गरिमा को समझौता करना पड़ा है। मेरे आने की सूचना होने पर भी एक बार विधानसभा के गेट बंद थे। उसके बाद मेरे आगमन पर विधानसभा में आपकी अनुपस्थिति महसूस की गई।'

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