भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की कड़ी निगहबानी से घुसपैठियों के मंसूबे लगातार हो रहे विफल

बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे संदिग्ध चीनी नागरिक की गिरफ्तारी भी बीएसएफ की कड़ी सतर्कता का ही नतीजा है। चीनी नागरिक पर गुप्तचर एजेंसी के लिए काम करने का शक है। उसके पास से कई संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 02:57 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 02:57 PM (IST)
भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की कड़ी निगहबानी से घुसपैठियों के मंसूबे लगातार हो रहे विफल
घुसपैठ की कोशिश कर रहे संदिग्ध चीनी नागरिक की गिरफ्तारी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तस्करी व घुसपैठ के लिए कुख्यात रहे दक्षिण बंगाल सीमांत से लगती भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इन दिनों सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की कड़ी निगहबानी से तस्करों व घुसपैठियों के मंसूबे लगातार विफल हो रहे हैं। एक दिन पहले गुरुवार को मालदा जिले की लगती सीमा से बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे संदिग्ध चीनी नागरिक की गिरफ्तारी भी बीएसएफ की कड़ी सतर्कता का ही नतीजा है। चीनी नागरिक पर गुप्तचर एजेंसी के लिए काम करने का शक है। उसके पास से कई संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए हैं। ऐसे में उसकी गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

उसे मालदा में बीएसएफ की सीमा चौकी मालिक सुल्तानपुर के इलाके से 24वीं वाहिनी के सतर्क जवानों ने गुरुवार सुबह करीब सात बजे गिरफ्तार किया था। बीएसएफ अधिकारियों की मानें तो चीन के हुबई शहर के रहने वाले हान जुनवेई (36) अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके छिप- छिप कर आगे बढ़ रहा था।‌ ड्यूटी पर तैनात जवानों ने उसकी संदिग्ध हरकत को देखकर रुकने की चुनौती दी तो उसने भागने का प्रयास किया लेकिन जवानों ने पीछा करके उसे दबोच लिया।

इस साल बीते पांच माह में घुसपैठ की 300 से ज्यादा कोशिशें नाकाम

बीएसएफ कि सफलता की बात करें तो सतर्क सीमा प्रहरियों ने इस साल दक्षिण बंगाल बॉर्डर इलाके से बीते पांच महीने के दौरान जनवरी से मई के बीच भारत में घुसपैठ की 300 से ज्यादा कोशिशें को नाकाम किया है। 20 अप्रैल तक के उपलब्ध आंकड़े के अनुसार, इस अवधि में अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश करते बीएसएफ ने इस बॉर्डर क्षेत्र से 957 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें 818 बांग्लादेशी नागरिक हैं। पिछले साल भी बीएसएफ ने इस सीमा से 517 तस्करों और 3,060 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा था।

200 से अधिक तस्करी की भी कोशिशों को किया नाकाम

दूसरी तरफ, सीमा पर चलाए जा रहे शून्य तस्करी के अभियान के तहत दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ जवानों ने इस साल अब तक जनवरी से मई के बीच तस्करी की 200 से अधिक तस्करी की कोशिशों को भी नाकाम किया है। इस दौरान 220 से ज्यादा तस्करों को भी गिरफ्तार किया है, जिसमें 40 से ज्यादा बांग्लादेशी हैं। इस दरम्यान चार करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के तस्करी के विभिन्न सामान भी जब्त किए गए हैं। इसमें मवेशियों से लेकर सोना, चांदी, फेंसिडिल कफ सिरप, मादक पदार्थ, याबा टैबलेट, गांजा व अन्य प्रतिबंधित सामान शामिल हैं। इनमें अधिकतर सामानों की बांग्लादेश में तस्करी की कोशिश की जा रही थी।

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने दावा किया कि कड़ी सतर्कता की वजह से एक तरफ बीएसएफ जवानों ने जहां दशकों से चली आ रही पशु तस्करी पर 2019 के बाद से पूरी तरह लगाम कस दिया है, वहीं घुसपैठ पर भी बहुत हद तक नियंत्रण लगा दिया है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान के फलस्वरूप इस बॉर्डर इलाके से सीमा आर- पार करने या तस्करी का मंसूबा पाले अपराधी इस समय सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे है।

दशकों से तस्करी व घुसपैठ के लिए कुख्यात रहा है दक्षिण बंगाल का बॉर्डर इलाका

दरअसल, 913 किलोमीटर लंबा दक्षिण बंगाल का बॉर्डर इलाका दशकों से गो तस्करी और घुसपैठ के लिए कुख्यात रहा है और यह राजनीतिक रूप से भी एक ज्वलंत मुद्दा रहा है। बंगाल के पांच जिले- उत्तर व दक्षिण 24 परगना, नदिया, मालदा व मुर्शिदाबाद जिले की सीमाएं यहां से लगती हैं। यह बॉर्डर इलाका दुनिया के पांच सबसे खतरनाक व चुनौतीपूर्ण सीमाओं में से एक है। इस बॉर्डर के बड़े इलाके में अब तक फेंसिंग (बाड़) भी नहीं लगी है। साथ ही 71 ऐसे गांव हैं जो अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट बिल्कुल जीरो लाइन पर बसे हैं। इन गांव में ऐसे भी घर है जिसका आधा हिस्सा भारत तो आधा बांग्लादेश में है। इसके अलावा इसका‌ 350 से ज्यादा किलोमीटर का बॉर्डर इलाका विभिन्न नदियों और समुद्र से गुजरता है। इन भौगोलिक जटिलताओं के कारण इस बॉर्डर की रखवाली करना बीएसएफ के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। 

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