बीएसएफ की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने मानव तस्करी पर कसा शिकंजा, इस साल बचाई गईं 14 महिलाएं

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा कुछ माह पहले गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने इसपर नकेल कस दी है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 14 पीडि़त महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से बचाने में कामयाबी हासिल की है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 09:12 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 09:12 AM (IST)
बीएसएफ की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने मानव तस्करी पर कसा शिकंजा, इस साल बचाई गईं 14 महिलाएं
बीएसएफ की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने 14 पीड़ित महिलाओं को बचाया

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए होने वाली मानव तस्करी की घटनाओं को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा कुछ माह पहले गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने इस पर नकेल कस दी है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत बंगाल में उसके बॉर्डर इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात की गई एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने अपने कार्य के प्रति उत्कृष्टता का परिचय देते हुए चालू वर्ष 2021 में अब तक 14 पीड़ित महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से बचाने में कामयाबी हासिल की है।

  साथ ही मानव तस्करी में शामिल 17 दलालों को भी गिरफ्तार किया है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलों में यह देखने में आया है कि मानव तस्करी की शिकार बांग्लादेश की गरीब व भोली-भाली लड़कियों, महिलाओं को अच्छी नौकरी का झांसा देकर अवैध रूप से सीमा पार कराकर भारत लाया जाता है और यहां बड़े शहरों में उनको जिस्मफिरोशी (देह व्यापार) के अमानवीय धंधे में झोंक दिया जाता है और दलाल इसका फायदा उठाते हैं। 

 गुलेरिया ने बताया कि मानव तस्करी के इस घिनौने अपराध को पूरी तरह रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार पहली बार बीएसएफ के पूर्वी कमान के अंतर्गत 15 एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिटें गठित कर इसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई है। खास बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा सात ट्रैफिकिंग यूनिट दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय, कोलकाता के बॉर्डर इलाके में तैनात की गई है। दरअसल, दक्षिण बंगाल का बॉर्डर इलाका मानव तस्करी के लिए सबसे कुख्यात रहा है। यह बॉर्डर इलाका दुनिया के सबसे कठिनतम बॉर्डर में से भी एक है, जिसकी सुरक्षा बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। 

 क्या है एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट

 गुलेरिया ने बताया कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, बीएसएफ का ही एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसे दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने इस साल 15 जनवरी को सीमावर्ती इलाकों में तैनात किया था। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में बीएसएफ की महिला काॢमक तथा जवानों को उनकी उत्कृष्ट क्षमता के आधार पर शामिल किया गया है जिससे कि वह मानव तस्करी से पीडि़त महिलाओं की पहचान आसानी से कर सकें। प्रत्येक टीम (यूनिट) में 11 सदस्य हैं जिसमें इंस्पेक्टर टीम लीडर हैं। इस टीम को मानव तस्करी रोकने को उपयुक्त संसाधन व उपकरण भी मुहैया कराए गए हैं। बीएसएफ डीआइजी ने बताया कि इस टीम को सीमा पर उन संवेनशील स्थानों पर तैनात किया गया है जहां से होकर मानव तस्करी की सबसे अधिक घटनाएं होती रही है। यह टीम सीमा क्षेत्र में सक्रिय मानव तस्करी गिरोह व दलालों पर कड़ी नजर रख रही है। 

 एनजीओ, पुलिस व सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय 

 गुलेरिया ने बताया कि पकड़े गए मामलों की गंभीरता को देखते हुए दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सभी एनजीओ, पुलिस स्टेशन, सरकारी एजेंसियों तथा मानव तस्करी के विरूद्ध कार्यवाही में काम कर रही संस्थाओं से आग्रह किया है कि वह सभी साथ मिलकर इस प्रकार के मानवता को शर्मसार करने वाले घिनौने अपराध को खत्म करने में सहयोग करें।

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