West Bengal: बीएसएफ ने बीमार लड़की को पहुंचाया अस्पताल, बेबस पिता ने जताया आभार
कमाडिंग ऑफिसर ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल सीमा पर हमेशा सजग रहकर कार्य करती हैं और सीमा पर होने वाले विभिन्न प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं। साथ ही सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सरहद की रखवाली के साथ बीएसएफ सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की भी बढ़-चढ़कर मदद कर रही है।बंगाल के नदिया जिले के सीमावर्ती इलाके में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक बार फिर अपनी ओर से पहल करते हुए मानवीय आधार पर एक बीमार लड़की को अपने वाहन से ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया। बताया जाता है कि लड़की के माता-पिता वाहन का किराया ज्यादा होने के कारण अपनी बीमार बेटी को अस्पताल ले जाने में असमर्थ थे। जिसके बाद लाचार माता-पिता की मदद को बीएसएफ आगे आई। बीमार लड़की गांव नूनागंज के रहने वाले जगन्नाथ मल्लिक की बेटी है, जिसका नाम आरती मल्लिक (19) है।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि चार जून की देर शाम 08वीं वाहिनी की सीमा चौकी नूनागंज के कैंप कमांडर को सूचना मिली की नूनागंज गांव में एक लड़की बीमार है तथा वाहन का किराया ज्यादा होने के कारण उसके माता- पिता उसे अस्पताल ले जाने में असमर्थ हैं। जिसके बाद तुरंत उन्होंने मानवीयता के आधार पर सरकारी वाहन भेजकर लड़की को कृष्णागंज सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसका जरूरी इलाज शुरू किया।
वहीं, बीमार लड़की के पिता जगन्नाथ मल्लिक बीएसएफ द्वारा की गई इस सहयता के लिए धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया। कमाडिंग ऑफिसर बी मधुसूदन राव ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल सीमा पर हमेशा सजग रहकर कार्य करती हैं और सीमा पर होने वाले विभिन्न प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं। साथ ही सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। जिसके चलते सीमा सुरक्षा बल और सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगो के बीच आपसी संबंध और गहरे होते जा रहे हैं।