गंगा नदी में बहा बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी को BSF ने किया नाकाम, 3 पशु तस्कर गिरफ्तार

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास मवेशियों की तस्करी को नाकाम करते हुए 3 पशु तस्करों को गिरफ्तार कि

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 05:48 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 05:48 PM (IST)
गंगा नदी में बहा बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी को BSF ने किया नाकाम, 3 पशु तस्कर गिरफ्तार
गंगा नदी में बहा बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी को BSF ने किया नाकाम, 3 पशु तस्कर गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास मवेशियों की तस्करी को नाकाम करते हुए 3 पशु तस्करों को गिरफ्तार किया है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीनों तस्करों को 5 मवेशियों के साथ नीमतीता सीमा चौकी इलाके से 78वीं बटालियन के जवानों ने गिरफ्तार किया जब मवेशियों को गंगा नदी में बहाकर बांग्लादेश में तस्करी की कोशिश की जा रही थी। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि

10-11 जुलाई की देर रात सीमा चौकी नीमतीता के जवानों ने गंगा नदी में कुछ संदेहास्पद सामान को बहते हुए देखा। सतर्क जवानों ने तुरंत स्पीड बोट की मदद से पास जाकर देखा तो तीन पशु तस्कर 5 मवेशियों समेत गंगा नदी के बहाव में भारत से बांग्लादेश में तस्करी की कोशिश कर रहे थे। बीएसएफ जवानों ने तीनों तस्करों को गंगा नदी से पकड़ लिया और मवेशियों को तस्करी से बचा लिया। पकड़े गए तस्करों में एक बांग्लादेशी है जबकि दो भारतीय है। बांग्लादेशी तस्कर का नाम जुवेल राणा, गांव-   मोना कासा, पुलिस स्टेशन-  शिवगंज, जिला- चंपाईनवाबगंज (बांग्लादेश) है। वहीं भारतीय तस्करों में रुबेल शेख व फुजान शेख है। दोनों मालदा जिले के कालियाचक थाना अंतर्गत सब्दलपुर गांव का रहने वाला है।

प्रति मवेशी सीमा पार कराने के लिए तस्कर को मिलते हैं 15,000 रुपये

बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि ये तीनों तस्कर काफी समय से पशु तस्करी में लिप्त हैं तथा ये भारत-बांग्लादेश सीमा पर "रखाल" (अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार कराने वाला) के रूप में काम करते हैं। इनका कार्य मवेशियों को सलीम शेख, निवासी- लोहारपुर, पुलिस स्टेशन-शमशेर गंज, जिला- मुर्शिदाबाद से लेकर भारत से बांग्लादेश पहुंचाने का है।इसके लिए ये रखाल सीमा चौकी नीमतीता के पास गंगा नदी में सीमा चौकी से लगभग 3 किलोमीटर पीछे पशु घाट (पुलताला, धांगड़ा) पर केले के तने को मवेशियों के दोनों तरफ बांधकर नदी में उतार देते हैं और खुद भी उतर जाते हैं। नदी के बहाव के साथ- साथ तैरते हुए जैसे ही गंगा नदी बांग्लादेश में प्रवेश करती है तो वहां पर पहले से ही मौजूद रामनाथ गांव के तस्कर मवेशियों को पकड़ लेते हैं। पूछताछ में पता चला है कि इस तरह से उन्हें भारत से बांग्लादेश तक मवेशियों को ले जाने के लिए ₹15000 प्रति मवेशी मिलते हैं। 

इधर, 78वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर विजय कुमार सिंह ने इस सफलता पर जवानों का हौसला बढ़ाते हुए यह प्रतिबद्धता जताई कि किसी भी तरह की तस्करी उनके इलाके से आगे भी नहीं उन्हें दी जाएगी। उन्होंने बताया कि उनके इलाके में गंगा नदी बहती है। जिससे आए दिन तस्कर नई-नई चाल से तस्करी करने का प्रयास करते हैं। तेज बहाव व गहराई अधिक होने के कारण जवानों को ड्यूटी करने में थोड़ी परेशानी आती है बावजूद इसके जवानों ने तस्करी पर अंकुश लगाने का संकल्प लिया हुआ है। गौरतलब है कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने अपनी जिम्मेवारी के इलाके में चालू वर्ष 2020 के दौरान अब तक 2550 मवेशियों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाने में सफलता हासिल की है।

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