बीएसएफ ने मानव तस्करी में लिप्त दो कुख्यात महिला दलालों को पकड़ा, 100 से ज्यादा महिलाओं को बना चुकी है शिकार

भारत बांग्लादेश सीमा से सटे जालंगी इलाके से दो कुख्यात महिला दलालों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों का कहना है कि ये दोनों भारतीय महिलाएं लंबे समय से मानव तस्करी में लिप्त रही है।महिलाओं ने बताया कि वे उन्हें आगे भारत के विभिन्न शहरों आदि में भेज देते थे।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:28 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:33 AM (IST)
बीएसएफ ने मानव तस्करी में लिप्त दो कुख्यात महिला दलालों को पकड़ा, 100 से ज्यादा महिलाओं को बना चुकी है शिकार
बीएसएफ के शिकंजे में दोनों महिला दलाल।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत बांग्लादेश सीमा से सटे जालंगी इलाके से दो कुख्यात महिला दलालों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों का कहना है कि ये दोनों भारतीय महिलाएं लंबे समय से मानव तस्करी में लिप्त रही है।

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मानव तस्करी में शामिल दोनों महिला दलाल अब तक 100 से ज्यादा गरीब व भोली -भाली महिलाओं एवं लड़कियों को मानव तस्करी का शिकार बना चुकी हैं। इनमें अधिकतर बांग्लादेशी महिलाएं हैं, जिन्हें भारत में अच्छी नौकरी व पैसे का झांसा देकर अवैध तरीके से सीमा पार करा कर कोलकाता, मुंबई व बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में देह व्यापार के धंधे में झोंक चुकी है।‌ सीमा के दोनों तरफ मानव तस्करी में शामिल गिरोहों से इन महिलाओं का संपर्क है।

कैसे हुई गिरफ्तारी

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से रविवार को एक बयान में बताया गया कि आठ मई की सुबह बीएसएफ की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सूचना मिली कि मुर्शिदाबाद में सीमा चौकी फर्जीपारा, 141वीं वाहिनी के इलाके में मानव तस्करी में शामिल महिला दलाल अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करके बांग्लादेश जाने की फ़िराक में है। इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने सीमा चौकी फर्जीपारा के कमांडर के साथ मिलकर एक प्लान बनाया। दोपहर लगभग 12:15 बजे दो संदिग्ध महिलाएं बांग्लादेश की ओर जाती दिखीं जिनको बीएसएफ ने पकड़ लिया तथा पूछताछ के लिए सीमा चौकी फर्जीपाड़ा में लेकर आए।

प्रारंभिक पूछताछ में महिला दलालों ने अपना नाम बिनु आरा बीबी (37) व मीमा खातून (21) बताया। दोनों ही ग्राम+पोस्ट - सादिखंदर, डोमकल, थाना - जालंगी, मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल की रहने वाली है।

सिंडिकेट में शामिल लोगों के नामों का किया खुलासा

दोनों ने पूछताछ में मानव तस्करी के सिंडिकेट में शामिल कुछ अपराधियों के नामों का भी खुलासा किया। इनमें तुहीन शेख, रिपेनव शाहबुद्दीन है। तीनों मुर्शिदाबाद जिले के जालंगी थाना क्षेत्र का रहने वाला है। दोनों महिलाओं ने आगे खुलासा किया कि उपरोक्त सिंडिकेट के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय सीमा से पिछले कुछ वर्षों में 100 से अधिक पुरुषों व महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को आर-पार करा चुकी हैं।

सीमा पार कराने पर प्रति व्यक्ति मिलते हैं 5,000 से 15,000 रुपये

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि आगे दोनों महिलाओं ने खुलासा किया कि ये सिंडिकेट सीमा आर- पार कराने के लिए 5,000 से 15,000 रुपये प्रति व्यक्ति तक लेता हैं। बीएसएफ को इनके पास से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पासबुक भी मिली है, जिसमें प्रति महीने लगभग 4,00000 (चार लाख) का पिछले कुछ वर्षों से लेन-देन होता रहा है।

सीमा पार कराने के बाद भारत के विभिन्न शहरों में भेज देते थे

महिला दलालों ने हालांकि फिलहाल अपने बांग्लादेश के नेटवर्क के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। वहीं, इन महिलाओं ने बताया कि बांग्लादेश से महिलाओं तथा पुरुष को सीमा पार कराकर वे उन्हें आगे भारत के विभिन्न शहरों जैसे कोलकाता, बेंगलुरू, केरल, मुंबई आदि में भेज देते थे। ये महिला दलाल बौंस्मारी,गोपालपुर घाट,जालंगी, मंसघाटा, चारभद्र, फर्ज़ीपारा के इलाके में अपना जाल बिछाए हुए थी और लंबे समय से इस काम में लिप्त थी। गिरफ्तार की गई दोनों महिला दलालों को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस थाना जालंगी को सौंप दिया गया है। वहीं, पुलिस इंचार्ज जालंगी ने बताया कि दोनों महिला दलालों को अदालत के माध्यम से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी ताकि इस सिंडिकेट का पर्दाफाश किया जा सके।

अधिकतर महिलाओं को देह व्यापार का बनाया जाता है शिकार

बीएसएफ डीआइजी गुलेरिया ने बताया , ज्यादातर मामलों में यह देखने में आया है कि मानव तस्करी के गिरोह में शामिल दलालों द्वारा भोली-भाली गरीब महिलाओं को भारत में अच्छी नौकरी जैसे ब्यूटी पार्लर, बार डांसर, जिम में हेल्पर, मसाज पार्लर, वेटर का काम, घर में नौकरानी इत्यादि के काम का झांसा देकर अवैध तरीके से सीमा पार करा कर यहां लाया जाता है और फिर बड़े शहरों में इनको देह व्यापार के अमानवीय धंधे में झोंक दिया जाता है। एक बार इस दलदल में फंसने के बाद उनका पूरा जीवन तबाह हो जाता है। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी को पूरी तरह रोकने के लिए बीएसएफ ने पहली बार कुछ माह पहले एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट गठित की है जो इस धंधे में लिप्त दलालों तथा खरीदारों के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने दे रही है। जब से ये यूनिटें गठित हुई है बेहद कारगर तरीके से निपट रही है और मानव तस्करी पर बहुत हद तक अंकुश लगा दिया है। 

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