West Bengal: बीएसएफ ने बांगलादेशी युवती को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया
नौकरी का झांसा देकर करवाते थे देह व्यापर का काम अवैध रूप से सीमा पार करते वक्त बीएसएफ ने पकड़ा बांग्लादेशी युवती ने पूछताछ में खुलासा किया है कि अच्छी नौकरी का झांसा देकर उसे भारत लाया गया था लेकिन यहां उससे जबर्दस्ती देह व्यापर का काम करवाया जाता था।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में बिथारी सीमा चौकी इलाके से एक बांग्लादेशी युवती को उस समय हिरासत में लिया जब उसे मानव तस्करों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करवा कर गैरकानूनी तरीके से भारत से बांग्लादेश भेजा जा रहा था। हालांकि दलाल, युवती को छोड़ मौके से भागने में कामयाब रहा।
बांग्लादेशी युवती ने पूछताछ में खुलासा किया है कि अच्छी नौकरी का झांसा देकर उसे भारत लाया गया था, लेकिन यहां उससे जबर्दस्ती देह व्यापर का काम करवाया जाता था। युवती का नाम रजिया सुल्ताना (काल्पनिक नाम, उम्र-25) है। वह बांग्लादेश के पंचगढ़ जिले की रहने वाली है। बीएसएफ की ओर से गुरुवार को एक बयान में बताया गया कि सीमा चौकी बिथारी, 112 वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवानों ने 14 अप्रैल की रात लगभग साढ़े 10 बजे सीमा के पास ड्यूटी के दौरान कुछ व्यक्तियों की संधिग्ध हरकत को देखा।
जब बीएसएफ पार्टी नजदीक पहुंची तो मानव तस्कर (दलाल), महिला को छोड़ कर भाग गया। बांग्लादेशी महिला जो भारतीय दलाल की मदद से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश कर रही थी उसे जवानों ने हिरासत में ले लिया। पूछताछ में महिला ने खुलासा किया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है। उसने आगे बताया कि चार साल पहले उसने कामरूल नाम के बांग्लादेशी नागरिक से शादी की थी। उसका एक लड़का भी है। वह ढाका में सिलाई का काम करती थी। वहां उसे दो संता और शोना नाम की लडि़कयां मिली। उन लड़कियों के माध्यम से उसने बॉबी नाम के एक बांग्लादेशी दलाल से बात की।
युवती को भारत में 30,000 रुपये प्रति महीना की नौकरी का दिया था झांसा
दलाल ने उसे हर महीना 30,000 रुपये की भारत में नौकरी दिलाने का लालच दिया। लालच में आकर उसने वह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और दो महीने पहले उक्त दो लड़कियों और दलाल के साथ गैरकानूनी तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करके कोलकाता आईं। आगे उसने बताया कि बॉबी दलाल उन्हेंं एक कमरे में लेकर गया और जहां उसने नौकरी के एवज में देह व्यापर का काम करने का दबाव दिया। पहले तो उसने इस काम के लिए मना कर दिया और निवेदन किया उसे वापस बांग्लादेश भेज दिया जाए, लेकिन दलाल ने उसे सिर्फ दो महीने तक यह काम करने के किया बोला और कहा कि उसके बाद वह उसे छोड़ देगा।
युवती के अनुसार, कोई उपाय ना मिलने पर वह यह काम करने को राजी हुई। दो महीने पूरे होने के बाद आशिक नाम के भारतीय दलाल की मदद से युवती वापस बांग्लादेश जा रही थी, लेकिन बीएसएफ के सतर्क जवानों ने उसे अवैध रूप से सीमा पार करते हुए पकड़ लिया। युवती ने खुलासा किया कि सीमा पार कराने के लिए उसने उक्त दलाल को 7,000 रुपए दिए थे।
मानव तस्करी का है मामला
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि एनजीओ संलाप के माध्यम से महिला से गहन पूछताछ के बाद पता चला कि यह मानव तस्करी का मामला है। पकड़ी गई महिला को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस स्टेशन स्वरूपनगर को सौंप दिया गया है।
भोली-भाली लड़कियों को लालच देकर देह व्यापार की दलदल में दिया जाता है धकेल
इधर, 112वीं बटालियन, बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर अरूण कुमार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हो रहे ऐसे घिनौने अपराधों की कड़ी निंदा करते हुए बताया कि अक्सर दलाल भोली-भाली बांग्लादेशी लड़कियों को ज्यादा पैसों का लालच देकर उन्हेंं देह व्यापार की दलदल में धकेल, इनके भविष्य से खिलवाड़ करते हैं। बांग्लादेशी लड़कियां इन कुख्यात तस्करों के जाल में फंस जाती है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक्टिव किया हुआ है, जो लगातार लड़कियों को तस्करों के चंगुल से आजाद कराने में लगी हुई है।