BSF ने तस्करों की योजना को किया ध्वस्त, मालगाड़ी ट्रेन के डिब्बों की कैविटी से 4 लाख के हेयर विग जब्त

Hair wigs seized बीएसएफ की 179वीं बटालियन के जवानों ने तस्करों की योजनाओं को नाकाम करते हुए बांग्लादेश से भारत आ रही मालगाड़ी में छिपाकर तस्करी के उद्देश्य से लाए जा रहे हेयर विग (कृतिम बाल) की एक बड़ी खेप को पकड़ा है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 09:10 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 09:10 AM (IST)
BSF ने तस्करों की योजना को किया ध्वस्त, मालगाड़ी ट्रेन के डिब्बों की कैविटी से 4 लाख के हेयर विग जब्त
मालगाड़ी में छिपाकर तस्करी के उद्देश्य से लाए जा रहे हेयर विग जब्त

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों द्वारा बरती जा रही कड़ी निगरानी की वजह से तस्करी में शामिल गिरोह आए दिन उन्हें चकमा देने के लिए नित्य नए हथकंडे अपना रहे हैं। हालांकि सतर्क बीएसएफ जवान तस्करों के हर हथकंडे को नाकाम कर दे रहे हैं। इसी क्रम में बीएसएफ की 179वीं बटालियन के जवानों ने तस्करों की योजनाओं को विफल करते हुए बांग्लादेश से भारत आ रही मालगाड़ी में छिपाकर तस्करी के उद्देश्य से लाए जा रहे हेयर विग (कृतिम बाल) की एक बड़ी खेप को पकड़ा है।

बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि जब्त 151 बंडल हेयर विग की अनुमानित कीमत करीब 3,77,500 रुपये है। उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) पेट्रापोल में मालगाड़ी की तलाशी के दौरान 21 अक्टूबर को बीएसएफ ने इसे जब्त किया।बयान के मुताबिक, आईसीपी पेट्रापोल में तैनात 179वीं बटालियन के जवानों ने पुख्ता खबर के आधार पर बांग्लादेश से भारत आने वाली मालगाड़ी के प्रत्येक खाली डिब्बों की गहनता से तलाशी ली। तभी बीएसएफ के जवानों को मालगाड़ी के डिब्बों के नीचे की कैविटी (गुप्त जगह) में छिपाए गए 151 हेयर विग बरामद किए, जिसके इंजन का नंबर 11441 है। बीएसएफ ने आगे की कार्रवाई के लिए जब्त सामान को कस्टम कार्यालय पेट्रापोल को सौंप दिया है।

ड्यूटी पर सतर्कता के कारण जब्ती हुआ संभव : बीएसएफ

इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने 179वीं वाहिनी के जवानों की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की है जिसमें मालगाड़ी से 151 हेयर विग को पकड़ा है। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है।

रेलवे व कस्टम की भूमिका पर फिर उठे सवाल

दूसरी ओर, मालगाड़ी ट्रेन में छिपाकर लाए जा रहे तस्करी के सामानों की जब्ती पर एक बार फिर रेलवे और कस्टम विभाग की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। आखिरकार कैसे तस्कर मालगाड़ी में सामान छिपाने में कामयाब हो गए। हालांकि रेलवे और कस्टम विभाग ने फिलहाल इस पर कुछ भी बोलने से इन्कार किया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी बीएसएफ मालगाड़ी से तस्करों की सामानों की जब्ती करती रही है। बीएसएफ द्वारा बार-बार रेलवे और कस्टम विभाग को आगाह किए जाने के बावजूद इस प्रकार की घटना की पुनरावृति ने सवाल खड़ा कर दिया है।

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