भारत-बांग्लादेश सीमा के पास मत्स्य डिंब की तस्करी करते बीएसएफ ने एक तस्कर को पकड़ा

तस्कर ने बताया कि वह एक भारतीय नागरिक है तथा वाहन चालक का कार्य करता है। उसने स्वीकार किया कि पिछले कुछ दिनों से मत्स्य डिंब की तस्करी में वह शामिल है। जिसके बदले उसे 7000 रुपये मिलते।

By Priti JhaEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 08:47 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 08:47 AM (IST)
भारत-बांग्लादेश सीमा के पास मत्स्य डिंब की तस्करी करते बीएसएफ ने एक तस्कर को पकड़ा
मत्स्य डिंब की तस्करी करते गिरफ्तार तस्कर।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उतर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए एक तस्कर को 10 पॉलीबैग मत्स्य डिंब के साथ गिरफ्तार किया। बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया जब्त मत्स्य डिंब (मछली का जीरा) की अनुमानित कीमत 50,000 रुपये हैं। इसे उत्तर 24 परगना में सीमा चौकी तराली क्षेत्र से तस्करी के लिए बांग्लादेश ले जाया जा रहा था।

बयान के मुताबिक, प्राप्त खुफिया सूचना पर कार्य करते हुए सीमा चौकी तराली 112वीं वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक तलाशी अभियान चलाया। इसी दौरान जवानों ने एक संदिग्ध मारुति वेगनार की हरकत देखी जो ग्राम नित्यानंदकाटी से तराली की तरफ जाने की कोशिश कर रहा था। जैसे ही मारुति वेगनार नजदीक पहुंची, जवानों ने तलाशी के लिए रोका। जब कार की तलाशी ली तो इसके अंदर से अलग- अलग कैविटी (गुप्त जगह) से कुल 10 पॉलीबैग मत्स्य डिंब बरामद हुआ। इसके बाद जवानों ने मत्स्य डिंब के साथ साथ मारुति वेगनार को भी जब्त कर लिया तथा साथ ही कार चालक (तस्कर) को हिरासत में ले लिया। पकड़े गए तस्कर की पहचान कलाम गाजी (55), ग्राम- तराली, पोस्ट- हाक़ीमपुर, थाना- स्वरूपनगर, जिला- उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल के रुप में हुई है।

पूछताछ में तस्कर ने बताया कि वह एक भारतीय नागरिक है तथा वाहन चालक का कार्य करता है। उसने स्वीकार किया कि पिछले कुछ दिनों से मत्स्य डिंब की तस्करी में वह शामिल है। वह इन सभी मत्स्य डिंब को इटिंडा, बशीरहाट निवासी इमरान सरदार से लिया था तथा आगे सीमा सुरक्षा बल के ड्यूटी लाइन क्रॉस करने के पश्चात इसे वापस इमरान सरदार को सौंपना था। जिसके बदले उसे 7,000 रुपये मिलते।

गिरफ्तार तस्कर तथा जब्त मत्स्य डिंब को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए कस्टम कार्यालय तेंतुलिया को सौंप दिया गया है। इधर, 112वीं बटालियन के कार्यवाहक कमांडिंग ऑफिसर चंद्रशेखर ने अपने जवानों की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की। साथ ही उन्होंने बताया की तस्करी रोकने के लिए वे अपने इलाके के पुलिस अधिकारियों तथा अन्य एजेंसियों से भी संपर्क में हैं और तस्करी में शामिल लोगों को कठोर दंड दिलाने में सहयोग मांगा है। 

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