बीएसएफ ने भारत में 12 वर्ष से रह रहे बांग्लादेशी परिवार को सीमा पार करते पकड़ा

बीएसएफ ने भारत में 12 वर्ष से रह रहे बांग्लादेशी परिवार को सीमा पार करते पकड़ा पूछताछ में कई चौंकाने वाली बात बताई इस सफलता पर कमांडेंट राव ने बताया कि भारत - बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रही हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 09:46 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 09:46 AM (IST)
बीएसएफ ने भारत में 12 वर्ष से रह रहे बांग्लादेशी परिवार को सीमा पार करते पकड़ा
सीमा पार करते पकड़े गए बांग्लादेशी परिवार।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दक्षिण बंगाल सीमांत अंतर्गत नदिया जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 08वीं वाहिनी की सीमा चौकी कुमारी के क्षेत्र से खुफिया सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुए जवानों ने, लगभग 12 वर्षो से अपनी पहचान छुपाकर अवैध रूप से भारत में रह रहे एक बांग्लादेशी परिवार के पांच सदस्यों को सीमा पार करते गिरफ्तार किया। यह परिवार तब पकड़ में आया जब ये लोग वापस बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रहे थे। तभी बीएसएफ की खुफिया विभाग की टीम ने सीमा चौकी कुमारी के जवानों के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई में मंगलवार को बाॅर्डर क्रास करने से पहले ही इन्हें भारत-बांग्लादेश सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया।

प्रारंभिक पूछताछ में बांग्लादेशी परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे पिछले 12 वर्ष से भारत में रह रहे थे और वे बांग्लादेश जाने की कोशिश में पकड़े गए। पकड़े गए सभी बांग्लादेशी सतखीरा जिले के रहने वाले हैं। गिरफ्तार लोगों में अजीबुर रहमान (40), उसकी पत्नी मरजीना बेगम (34) और उनके 15, छह व पांच वर्ष के तीन बच्चे हैं।

12 साल पहले परिवार के साथ आया था भारत

पूछताछ में अजीबुर रहमान ने खुलासा किया कि वह अपने परिवार के साथ 12 साल पहले भारत आया था और हुगली जिले के डानकुनी के समीप प्रधानकुनी में किराए के मकान में रहता था। वहां वह लकड़ी काटने का काम करता था और उसकी पत्नी गली मोहल्लों में सब्जी बेचने का काम करती थी।

डानकुनी के मदरसे में पढ़ रहे 800 बच्चों में से 200 बांग्लादेशी

अजीबुर ने यह भी खुलासा किया कि, उसकी बेटी डानकुनी स्थित सिद्दीकी सीनियर मदरसा, अकडंगा में कक्षा सातवीं में पढ़ती हैं और उस मदरसे में 700 से 800 बच्चे हैं, जिनमें से 200 बच्चे बांग्लादेशी हैं।

भारत में रहने के लिए परिवार के जाली पहचान पत्र भी बनवा लिए

अजीबुर ने एक और खुलासा किया कि, भारत में रहने के लिए उसने अपने परिवार के सदस्यों के जाली पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड) भी 250 रुपये देकर कमरुद्दीन से बनवाए है, जोकि डानकुनी नगरपालिका में काम करता है। आगे उसने बताया कि उसने अपनी एक लड़की की शादी डानकुनी के शेख कारूल नाम के भारतीय युवक से की है।

सीमा पार करने के लिए दलाल को दिए थे 40,000 रुपये

अजीबुर ने बताया कि उसकी मां की तबीयत ठीक नहीं है जिससे मिलने के लिए वे परिवार को लेकर बांग्लादेश जा रहे थे तथा उन्होंने सीमा पार करने के लिए छोटी चुपड़िया के रहने वाले भारतीय दलाल अहमद को 40,000 रुपये दिए थे।बीएसएफ ने गिरफ्तार व्यक्तियों को आगे की कानूनी कार्यवाही हेतु पुलिस थाना हंसखली को सौंप दिया है।

सीमा पर बीएसएफ उठा रही कड़े कदम : कमांडेंट

वहीं, इस सफलता पर 08वीं वाहिनी के कमांडेंट बी मधुसुदन राव ने बताया कि भारत - बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रही हैं। जिससे इस प्रकार के अपराधों में लिप्त व्यक्तियों, दलालों और उनके सहयोगियों को मुश्किलों का अनुभव हो रहा है और उनमें से कुछ पकड़े भी जा रहे हैं और उन्हें कानून के मुताबिक सजाएं भी हो रही हैं। पकड़े गए लोगों से पूछताछ में कई अहम बातें सामने निकल कर आ रही है जिनको पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ साझा किया जा रहा है ताकि देश के अंदरूनी इलाकों में गैर कानूनी तरीके से आकर रहने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जा सके। 

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