BSF ने सीमा पर एक लाख की दवाइयों के साथ तस्कर को दबोचा

नदिया जिले के सीमावर्ती इलाके में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने विभिन्न प्रकार की दवाइयों के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। जब्त दवाइयों की कीमत करीब एक लाख रुपये है। यह घटना गुरुवार शाम की है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 09:18 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 09:18 AM (IST)
BSF ने सीमा पर एक लाख की दवाइयों के साथ तस्कर को दबोचा
विभिन्न प्रकार की दवाइयों के साथ एक तस्कर गिरफ्तार

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के नदिया जिले के सीमावर्ती इलाके में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए विभिन्न प्रकार की दवाइयों के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि जब्त दवाइयों की कीमत करीब एक लाख रुपये है, और इसे तस्कर सीमा चौकी हलदरपाड़ा के इलाके से बांग्लादेश में तस्करी करने के लिए लेकर जा रहा था।

यह घटना गुरुवार शाम की है जब 54वीं वाहिनी, बीएसएफ की सीमा चौकी हलदरपाड़ा के जवान खुफिया शाखा द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर एक विशेष गस्त पर निकले थे। जवानों ने गांव हलदरपाड़ा की ओर से एक मोटरसाइकल को आते देखा जिसकी पहचान पहले से मिली सूचना के अनुरूप होने पर जवानों ने उसे रुकने का इशारा किया। जिस पर मोटरसाइकिल सवार तुरंत पीछे मुड़कर भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन मुस्तैद जवानों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन के साथ विभिन्न प्रकार की दवाइयां जब्त की।

गिरफ्तार तस्कर को सीमा चौकी हलदरपाड़ा लाने के उपरांत पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसका नाम रितिक बिस्वास (22) है और वह गांव बानपुर का रहने वाला हैं। आगे उसने बताया की उसने ये दवाइयां मजदिया से बापिन नाम के व्यक्ति से ली थी और गेदे के रहने वाले सागर बिस्वास तथा प्रसनजीत भट्टाचार्य को देना था। आगे वो लोग इन्हे बांग्लादेश में भेजने वाले थे और इसके लिए उसे 500 रुपये मिले हैं। गिरफ्तार तस्कर को जब्त किए सामान के साथ आगे की कानूनी कार्यवाही हेतु पुलिस थाना कृष्णागंज को सौप दिया गया है।

इधर, 54वीं वाहिनी बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर देशराज सिंह ने कहा कि भारत- बांग्लादेश सीमा पर विभिन्न प्रकार के सामानों की तस्करी को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रही है, जिसके चलते इस प्रकार के अपराधों में लिप्त तस्करों को काफी मुश्किल का अनुभव हो रहा है। उनमें से कुछ पकड़े जा रहे हैं और उन्हें कानून के मुताबिक सजाएं भी हो रही है।

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