तृणमूल के आरोपों को बीएसएफ ने बताया पूरी तरह निराधार व झूठे, कहा- हम जीवन पर्यंत कर्तव्य’ के प्रति प्रतिबद्ध
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने एक बयान जारी कर कहा कि बल के खिलाफ आरोपों को लेकर जो बयान दिया है उसका सच्चाई से दूर-दूर तक नाता नहीं है। यह पूरी तरह बेबुनियाद निराधार और झूठे हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा गुरुवार को बीएसएफ पर एक खास राजनीतिक दल के लिए काम करने व सीमावर्ती क्षेत्र के वोटर्स को डराने-धमकाने के आरोपों को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सिरे से खारिज कर दिया है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने एक बयान जारी कर कहा कि बल के खिलाफ आरोपों को लेकर जो बयान दिया है उसका सच्चाई से दूर-दूर तक नाता नहीं है। यह पूरी तरह बेबुनियाद, निराधार और झूठे हैं।
बीएसएफ ‘जीवन पर्यंत कर्तव्य’ के प्रति प्रतिबद्ध है। आधिकारिक बयान में आगे कहा गया, 'बीएसएफ एक पेशेवर बॉर्डर गार्डिंग फोर्स है जो अतीत से लेकर अभी तक पूरी इमानदारी और समर्पण के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करती आई है। इस बल के जवानों ने अवैध घुसपैठ और तस्करी पर सक्रिय रूप से लगाम लगाया है और तस्करों के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई की है।
राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम की ओर से बीएसएफ के खिलाफ आरोपों को लेकर जो बयान दिया गया है उसका कोई आधार नहीं है और न ही इसका सच्चाई से दूर- दूर तक कोई नाता है। बीएसएफ जीवन पर्यंत कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध है।'
गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल के महासचिव और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी एवं मंत्री फिरहाद हकीम ने गुरुवार को बंगाल दौरे पर आए केंद्रीय चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की अगुवाई में पूर्ण पीठ से मिलकर शिकायत की कि बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएफ अधिकारी और कर्मचारी गांव के लोगों को डरा कर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान के लिए कह रहे हैं। इन आरोपों के बाद ही बीएसएफ ने बयान जारी कर इसे पूरी तरह निराधार व झूठ बताया।
बीएसएफ की प्रतिक्रिया पर मंत्री पार्थ चटर्जी ने दी सफाई
दूसरी ओर, बीएसएफ की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करते हुए मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि वह बीएसएफ पर आरोप नहीं लगा रहे हैं। सीमावर्ती इलाकों में गांव वालों की ओर से बीएसएफ के खिलाफ ऐसी शिकायत आई थी। उसी शिकायत को उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष रखा है।