फ्लैग मीटिंग में बीएसएफ की बीजीबी को दो टूक, अपने नागरिकों को अवैध रूप से‌ सीमा उल्लंघन करने से रोकें

बीएसएफ ने बीजीबी से कहा है कि उनके देश के नागरिक खासकर मालदा के कालियाचक इलाके से लगती सीमावर्ती क्षेत्र से अवैध रूप से काफी मात्रा में हमारे देश में आ रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 08:20 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 08:20 AM (IST)
फ्लैग मीटिंग में बीएसएफ की बीजीबी को दो टूक, अपने नागरिकों को अवैध रूप से‌ सीमा उल्लंघन करने से रोकें
फ्लैग मीटिंग में बीएसएफ की बीजीबी को दो टूक, अपने नागरिकों को अवैध रूप से‌ सीमा उल्लंघन करने से रोकें

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में भारत- बांग्लादेश सीमा इलाके में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी तस्कर तस्करी के लिए अक्सर‌ चोरी-छिपे अवैध रूप से भारतीय सीमा में घुस जा रहे है। कई बार तस्करों का समूह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों पर इकट्ठे होकर हमला भी कर देते हैं तो बीएसएफ जवानों द्वारा अपनी आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ती है। इसके कारण कई बार बांग्लादेशी तस्कर घायल हो जाते हैं एवं मारे भी जाते हैं।

इसकी वजह से बांग्लादेश के अखबारों में कई बार बेबुनियाद खबरें प्रसारित की जाती है जिसके कारण वहां के लोगों में बीएसएफ के प्रति रोष उत्पन्न होता है। इसको देखते हुए बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) से फ्लैग मीटिंग (समस्याओं पर बात करने के लिए बुलाई गई बैठक) करके यह मुद्दा उठाया है।

जानकारी के मुताबिक बीएसएफ ने बीजीबी से कहा है कि उनके देश के नागरिक खासकर मालदा के कालियाचक इलाके से लगती सीमावर्ती क्षेत्र से अवैध रूप से काफी मात्रा में हमारे देश में आ रहे हैं। उन्हें आने से रोका जाए। क्योंकि कई बार जब यह तस्करी करने के लिए हमारे जवानों पर इकट्ठे होकर हमला कर देते हैं तो हमारे जवानों द्वारा अपनी आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ती है।

जिसकी वजह से बांग्लादेश के अखबारों में और वहां के लोगों में इसके प्रति बहुत रोष उत्पन्न होता है। तो इसलिए अच्छा है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश अपने नागरिकों को रोककर रखें और उन्हें सीमा का उल्लंघन न करने दें। जिससे कि बीएसएफ के प्रति लोगों के मन में कोई रोष उत्पन्न न हो। साथ ही संबंधों पर भी कोई असर ना पड़े।

बता दें कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर पर बंगाल के पांच सीमावर्ती जिले मालदा, मुर्शिदाबाद, नदिया एवं उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले से लगने वाली भारत- बांग्लादेश की करीब 913 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रखवाली का दायित्व है।‌ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बड़े इलाके में बाड़ (तारबंदी) नहीं है और‌ इसकी सीमाएं नदियों व जंगलों से भी गुजरती है जिसकी सुरक्षा करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। 

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