बीएसएफ बनीं देवदूत, सांप काटने के बाद सीमावर्ती क्षेत्र की दो महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाकर बचाई जान

मुर्शिदाबाद जिले में भारत- बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा में तैनात दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत बीएसएफ की 86वीं बटालियन की सीमा चौकी शिकारपुर के जवानों ने फिर पेश की है। शिकारपुर गांव की दो महिलाओं को सांप काटने के बाद बीएसएफ ने अपनी एंबुलेंस से उन्हें समय परअस्पताल पहुंचाकर जान बचाई।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 01:56 PM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 01:56 PM (IST)
बीएसएफ बनीं देवदूत, सांप काटने के बाद सीमावर्ती क्षेत्र की दो महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाकर बचाई जान
सांप काटने के बाद अस्पताल में इलाजरत महिला।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सीमाओं की रखवाली के साथ सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों की मदद के लिए भी सदैव तत्पर रहती है। इसी तरह की मिसाल मुर्शिदाबाद जिले में भारत- बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा में तैनात दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत बीएसएफ की 86वीं बटालियन की सीमा चौकी शिकारपुर के जवानों ने फिर पेश की है। शिकारपुर गांव की दो महिलाओं को सांप काटने के बाद बीएसएफ ने अपनी एंबुलेंस से उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाकर जान बचाई।

बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि पहली घटना 10 अगस्त की है, जिसमें शिकारपुर गांव की सुपर्णा स्वर्णकार (45) अपने घर में सो रही थी तो मध्य रात्रि में करीब 1:45 बजे एक जहरीले सांप ने उसे काट लिया। बॉर्डर आउट पोस्ट शिकारपुर के कंपनी कमांडर को जब इस घटना की जानकारी हुई, उन्होंने बिना देर किए एक बीएसएफ एंबुलेंस को एक नर्सिंग सहायक के साथ सुपर्णा के घर तुरंत भेजा और पीड़िता को उसके परिवार के साथ करीमपुर अस्पताल पहुंचाया।

जहां प्राथमिक उपचार के बाद महिला की हालत ठीक बताई जा रही है।दूसरी घटना उसी दिन दोपहर 12:45 बजे की है जब शिकारपुर क्षेत्र के ही केचूडंगा गांव में मौसमी बेगम (23) को सांप ने काट लिया।कंपनी कमांडर को जब इस घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने बिना देर किए बीएसएफ की एंबुलेंस एक नर्सिंग सहायक के साथ मौसमी के घर भेज दिया और उसे भी इलाज के लिए करीमपुर अस्पताल पहुंचाया। उपचार के बाद मरीज की हालत अब ठीक बताई जा रही है। इस तरह दोनों महिलाओं के लिए बीएसएफ देवदूत साबित हुई।

दोनों महिलाओं के परिवार ने बीएसएफ का जताया आभार

इधर, सुपर्णा स्वर्णकार के पति सपन स्वर्णकार और मौसमी बेगम के पति जहांगीर मंडल ने बीएसएफ के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर वह सही समय पर मदद नहीं की होती तो उनकी पत्नियों के शरीर में सांप का जहर फैल जाता और उनकी मौत हो सकती थी।

वहीं, सुरेंद्र कुमार, कमांडिंग ऑफिसर, 86 बटालियन ने इस सराहनीय कार्य के प्रति अपनी खुशी व्यक्त की और कहा कि बीएसएफ बॉर्डर पर क्राइम को रोकने के अलावा सीमावासियों के साथ हर मुश्किल घड़ी में खड़ी रहती है। 

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