West Bengal: फेंसिडिल और याबा की तस्करी करते बीएसएफ ने एक कुख्यात तस्कर को दबोचा
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने इस सीमा चौकी इलाके से तस्करी व घुसपैठ को लगातार नाकाम किए जाने को लेकर आठवीं वाहिनी के कमांडेंट की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अपराधों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया जाए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने नदिया जिले के सीमावर्ती इलाके में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास से एक कुख्यात तस्कर को प्रतिबंधित फेंसिडिल कफ सिरप और याबा की तस्करी करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। तस्कर के पास से 23 बोतल फेंसिडिल तथा 30 याबा टैबलेट्स (नशीली गोलियां) जब्त किया गया है। इसे बीएसएफ की सीमा चौकी कुमारी, आठवीं वाहिनी के इलाके से बांग्लादेश में तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था।
बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि बल की खुफिया शाखा को सीमा चौकी कुमारी के इलाके से प्रतिबंधित सामानों की तस्करी होने की सूचना मिलने पर इच्छामति नदी के किनारे जवानों ने घात लगाया। रात के समय घात लगाए जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों तरफ संदिग्ध व्यक्तियों की हरकत देखी, जिसमें भारत की ओर से दो व्यक्ति प्लास्टिक बैग के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर बढ़ रहे थे। तभी घात लगाए जवानों ने उन्हे रुकने को कहा, लेकिन वो मौके से भागने लगे। जवानों ने उनका पीछा कर एक को गिरफ्तार कर लिया।
बीएसएफ जवानों पर धारदार हथियार से हमले की भी कोशिश
इस दौरान पकड़े गए तस्कर के साथी ने धारदार हथियार से बीएसएफ जवानों पर हमला करने की भी कोशिश की। हालांकि पीछा करने पर वह कुमारी गांव की तरफ भागने में कामयाब हो गया। पकड़े गए तस्कर की तलाशी में 23 बोतल फेंसिडिल और 30 याबा टैबलेट जब्त की गई। पूछताछ में उसने अपनी पहचान जसीम मंडल (29), गांव-रामनगर, थाना हंसखली, जिला-नदिया, पश्चिम बंगाल के रूप में बताई।
तस्कर गिरफ्तार नहीं होता तो 10 लोगो को कराता सीमा पार
आगे पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि वह और उसका भाई असीम सीमा पार के विभिन्न प्रकार के अपराधों में लिप्त है। उसने यह सामान अपने भाई असीम से लिया था और बांग्लादेश के गांव सुलेमपुर के रहने वाले सुभान मलिता को देने जा रहा था। और आगे उसने खुलासा किया कि आज वह 10 बांग्लादेशी नागरिकों को भी गैरकानूनी तरीके से सीमा पार करने वाला था, जोकि उसके पकड़े जाने के बाद उमरपुर गांव की ओर भाग गए।गिरफ्तार तस्कर को जब्त सामानों के साथ आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए हंसखाली थाना को सौप दिया गया है।
बीएसएफ डीआइजी ने तस्करी रोकने को कमांडेंट के प्रयास की सराहना की
इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने इस सीमा चौकी इलाके से तस्करी व घुसपैठ को लगातार नाकाम किए जाने को लेकर आठवीं वाहिनी के कमांडेंट की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अपराधों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया जाए। उन्होने कमांडेंट को अपने इलाके के पुलिस अधिकारियों से भी लगातार संपर्क बनाए रखने की सलाह दी ताकि इस प्रकार के अपराधियों के खिलाफ मिलकर और प्रभावी कार्यवाही की जा सके और उनके जघन्य अपराधों के लिए उपयुक्त सज़ा मिल सके।