अधिकार क्षेत्र बढऩे से पुलिस के कामकाज में नहीं होगा कोई हस्तक्षेप, छेड़छाड़ के आरोप आधारहीन : बीएसएफ एडीजी

स्पष्टीकरण-अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने पर बंगाल सरकार की आशंकाओं को बल ने किया खारिज। कहा-बीएसएफ का बढ़ा हुआ अधिकार क्षेत्र पुलिस के हाथ मजबूत करने में ही करेगा मदद। बीएसएफ के पास राज्‍य पुलिस के जैसी कोई शक्ति नहीं पास। बंगाल विधानसभा द्वारा प्रस्ताव पारित करने के बाद आया बयान।

By Priti JhaEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 03:30 PM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 09:07 PM (IST)
अधिकार क्षेत्र बढऩे से पुलिस के कामकाज में नहीं होगा कोई हस्तक्षेप, छेड़छाड़ के आरोप आधारहीन : बीएसएफ एडीजी
इस कदम से सरकार व पुलिस को सीमा पार से होने वाले अपराधों व घुसपैठ को रोकने में मदद मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक करने के फैसले का बंगाल सरकार व यहां की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा किए जा रहे कड़े विरोध के बीच बीएसएफ ने बुधवार को इस आशंका को खारिज किया कि इससे राज्य की पुलिस के कामकाज या कानून व्यवस्था के मामले में कोई दखलंदाजी होगी।

किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना दावा किया खारिज

बीएसएफ के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) वाई बी खुरानिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बल के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के बारे में जारी भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि हस्तक्षेप की आशंका निराधार है। बीएसएफ को दी गई शक्तियां बहुत सीमित हैं। उन्होंने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना उन दावों को भी खारिज कर दिया कि बंगाल का एक-तिहाई भूभाग बीएसएफ के नियंत्रण में चला जाएगा।

बीएसएफ के पास राज्‍य पुलिस के जैसी कोई शक्ति नहीं पास

उन्होंने कहा कि बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए सभी राज्य एजेंसियों के साथ समन्वय करता है। उन्होंने जोर दिया कि यह गलत धारणा है कि केंद्रीय बल के पास राज्य पुलिस जैसी शक्ति होगी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के पास पुलिस की कोई शक्ति नहीं है, क्योंकि इसके पास प्राथमिकी दर्ज करने या मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है। बीएसएफ एडीजी ने इसके साथ ही बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक विधायक के इस आरोप को भी निराधार व दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि बल के जवान सीमावर्ती क्षेत्र में महिलाओं की तलाशी लेते समय उनसे छेड़छाड़ करते हैं।

निराधार है टकराव बढ़ने की आशंका, पुलिस के हाथ होंगे मजबूत

खुरानिया ने यहां कहा, कुछ वर्गों में यह धारणा है कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि की अधिसूचना से इसका राज्य पुलिस के साथ टकराव (गतिरोध) बढ़ेगा और यह भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है, पूरी तरह से निराधार और शरारतपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बढ़े हुए क्षेत्राधिकार से पुलिस के हाथों को मजबूत करने में ही मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, जब भी हम छापे मारते हैं, हम राज्य पुलिस को सूचित करते हैं और उन्हें साथ भी लेते हैं। आगे भी इसी तरह हम कार्य करते रहेंगे।

बंगाल विधानसभा द्वारा प्रस्ताव पारित करने के बाद आया है बयान

बता दें कि बंगाल विधानसभा द्वारा बीएसएफ के क्षेत्राधिकार बढ़ाने संबंधी केंद्र के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करने के एक बाद बीएसएफ अधिकारी का यह बयान सामने आया है। प्रस्ताव में इस कदम को देश के संघीय ढांचे पर हमला करार दिया गया और कहा गया कि कानून एवं व्यवस्था राज्य का विषय है।

सीमा पार होने वाले अपराधों व घुसपैठ को रोकने में मदद मिलेगी

खुरानिया ने आगे यह भी कहा कि सीमावर्ती इलाकों में निहित स्वार्थ हैं जो नहीं चाहते कि सीमा पार अपराधों के बेहतर प्रबंधन के लिए बीएसएफ और राज्य पुलिस के हाथ मजबूत हों। उन्होंने दोहराया कि हस्तक्षेप की आशंकाएं अनावश्यक हैं। साथ ही दावा किया कि इस कदम से राज्य सरकार व पुलिस को सीमा पार से होने वाले अपराधों व घुसपैठ को रोकने में मदद मिलेगी।

तृणमूल विधायक के छेड़छाड़ के आरोप बताए आधारहीन व दुर्भाग्यपूर्ण

वहीं, बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक उदयन गुहा के इस आरोप को भी बीएसएफ एडीजी ने निराधार व दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि बल के जवान सीमावर्ती क्षेत्र में महिलाओं की तलाशी लेते समय उनसे छेड़छाड़ करते हैं। उन्होंने कहा कि केवल महिला सुरक्षाकर्मी ही महिलाओं की तलाशी लेती हैं। उन्होंने कहा, हमारे पास पूर्वी कमान में महिला प्रहरी (महिला गार्ड) हैं जिनका इस्तेमाल महिलाओं की तलाशी के लिए किया जाता हैं। हमारे पास सीसीटीवी हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है जो ऐसी बातें कही जा रही हैं।इस तरह की टिप्पणी बल का मनोबल गिराने वाली है।

हमारी नीति किसी भी गलत हरकत को बर्दाश्त करने की नहीं रही

उन्होंने कहा कि बीएसएफ एक अनुशासित बल है। किसी भी तरह की गलत हरकत को हल्के में नहीं लिया जाता है। साबित होने पर कड़ी कार्रवाई की जाती है। जब भी ऐसी कोई घटना होती है तो हम पूछताछ के आदेश देते हैं और हम पुलिस को भी सूचित करते हैं। ऐसे मामलों में हमारी नीति कतई बर्दाश्त करने की नहीं रही है। गौरतलब है कि तृणमूल विधायक गुहा ने मंगलवार को विधानसभा में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आरोप लगाया था कि तलाशी अभियान के बहाने बीएसएफ के जवान महिलाओं को गलत तरीके से छूते हैं।

अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने का बंगाल की ममता सरकार कर रही विरोध

उल्लेखनीय है कि बंगाल की ममता बनर्जी सरकार बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का लगातार विरोध कर रही हैं। बंगाल सरकार ने एक दिन पहले केंद्र के इस फैसले के खिलाफ विधानसभा में भी प्रस्ताव पारित किया है। राज्य सरकार व सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का यहां तक आरोप है कि बीएसएफ के जरिए पिछले दरवाजे से शासन करने, आम लोगों को प्रताड़ित करने व उनके दमन के लिए ऐसा किया गया है।

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