बीएसएफ के 18वें अलंकरण समारोह में अदम्य साहस, शौर्य, वीरता व उत्कृष्ट सेवा के लिए बहादुर अधिकारियों और कार्मिकों को किया गया अलंकृत

18वें अलंकरण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को अदम्य साहस शौर्य वीरता व उत्कृष्ट सेवा के लिए बल के बहादुर अधिकारियों और कार्मिकों को पदक से अलंकृत किया। गृह मंत्री ने रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान भी दिया।

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 09:36 AM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 09:57 AM (IST)
बीएसएफ के 18वें अलंकरण समारोह में अदम्य साहस, शौर्य, वीरता व उत्कृष्ट सेवा के लिए बहादुर अधिकारियों और कार्मिकों को किया गया अलंकृत
बीएसएफ के अलंकरण समारोह में वीरता पदक प्रदान करते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 18वें अलंकरण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को अदम्य साहस, शौर्य, वीरता व उत्कृष्ट सेवा के लिए बल के बहादुर अधिकारियों और कार्मिकों को पदक से अलंकृत किया। गृह मंत्री ने रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान भी दिया। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल पर एक वृत्तचित्र ‘बावा’ का प्रदर्शन भी किया गया। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानन्द राय व अजय कुमार, गृह सचिव अजय भल्ला, बीएसएफ के महानिदेशक राकेश अस्थाना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

इस मौके पर बीएसएफ के पहले महानिदेशक के एफ रुस्तमजी को श्रद्धांजलि देते हुए शाह ने कहा कि देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सीमा सुरक्षा बल और देश के अन्य अर्धसैनिक बलों के शहीदों के कारण ही भारत विश्व के नक्शे पर अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज करा पा रहा है। उन्होंने बीएसएफ की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपके नाम मात्र से ही दुश्मनों का दिल दहल जाता है और इसी कारण देश लोकतंत्र के अपनाए हुए विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। शाह ने कहा कि दुनिया के नक़्शे पर भारत अपना स्थान मज़बूत कर रहा है, उसमें आप सभी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण और अग्रिम पंक्ति में हैं।

'बलिदानियों, वीरों और योद्धाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता'

गृह मंत्री ने कहा कि उन बलिदानियों, वीरों और योद्धाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता जो आज भी, चाहे शून्य से 45 डिग्री कम तापमान हो या 45 डिग्री की गर्मी हो, चाहे लद्दाख की सीमाएं हों या रेगिस्तान की गर्मी हो, चाहे पूर्वी सीमा में नदी-नाले, जंगल, पहाड़ हों, बीएसएफ़ और हमारी सारी पैरामिलिट्री फोर्सेस, सीमा सुरक्षा के काम में लगी हैं। उन्हीं के कारण आज भारत विश्व के नक़्शे पर अपनी गौरवमयी स्थान उपस्थित करा रहा है।

रूस्तम जी के योगदान को किया याद

शाह ने‌ बीएसएफ के पहले महानिदेशक स्वर्गीय रूस्तम जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने एक ऐसे बल की शुरूआत की, जिसने अपने पसीने, निष्ठा, मेहनत, सजगता और बलिदान से एक महान कीर्ति स्तंभ की रचना की है जो देश की रक्षा के लिए हज़ारों किलोमीटर से दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि 1965 की लड़ाई के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के राज्यों की 25 बटालियनों के साथ एक बीज के रूप में सीमा सुरक्षा बल की शुरूआत हुई जो आज एक वटवृक्ष बन चुका है और 2.65 लाख लोगों का परिवार बनकर देश को सुरक्षा मुहैया करा रहा है।

'बीएसएफ़ ने उच्च बलिदान की परंपरा को स्थापित किया'

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बीएसएफ़ ने एक उच्च बलिदान की परंपरा को स्थापित किया है। उन्होंन कहा कि सीमा सुरक्षा बल की स्थापना के छह साल बाद ही जब उस समय के पूर्वी पाकिस्तान में सभी तरह के मानवाधिकारों का हनन हो रहा था, अकल्पनीय यातनाएं दी जाती थीं, और जब स्थिति असहनीय हो गई तब उस स्थिति में भारत ने निर्णय किया और बीएसएफ़ के जवानों ने एक अहम भूमिका निभाई और आज बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक़्शे पर अस्तित्व में है। शाह ने कहा कि चाहे युद्ध काल हो या शांति काल हो, बीएसएफ़ के जवानों ने हमेशा अपने कर्तव्य को निभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और इसी का परिणाम है कि सीमा सुरक्षा बल को अनेकों वीरता पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है।

'2022 तक सीमा पर फ़ेंसिंग में कोई गैप नहीं रहेगा'

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये दृष्टिकोण है कि जब तक सीमाओं का मूलभूत ढांचा ठीक नहीं करेंगे, तो वहां से पलायन होता रहेगा और अगर वहां आबादी नहीं होगी तो सीमाओं की सुरक्षा करना बहुत कठिन हो जाएगा।उन्होंने ये विश्वास दिलाया कि वर्ष 2022 तक सीमा पर फ़ेंसिंग में कोई गैप नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि ये तीन प्रतिशत गैप ही घुसपैठ के लिए संभावनाएं छोड़ता है और बाक़ी 97 प्रतिशत फ़ेंसिंग को बेकार कर देता है। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सीमांत क्षेत्रों के विकास और वहां से पलायन को रोकने के लिए भी ढेर सारी योजनाओं की शुरूआत की। इनके तहत दो वर्षों के लिए 888 करोड़ रुपये की सीमा विकास योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी अर्धसैनिक बलों को नोडल एजेंसी बनाने का काम मोदी सरकार ने किया।

उन्होंने कहा कि एक सीमांत विकासोत्सव की शुरूआत गुजरात के कच्छ से हुई। इसके अंतर्गत कच्छ की सीमा से सटे गांवों के सरपंच, तहसीलदारों को बुलाकर उनके विकास के प्रश्नों को समझा गया। इससे निश्चित तौर पर गांवों का विकास होगा और वहां से पलायन रुकेगा। शाह ने कहा कि सरकार ने सीमाओं के क्षेत्रों को मज़बूत इन्फ़्रास्ट्रक्चर दिया, गांवों को विकसित किया, सभी पैरामिलिट्री फ़ोर्सेस को अच्छा माहौल दिया, उनकी ज़रुरतों को समझा, वहां रिक्त पदों को भरना जैसे काम किए और एक सुनियोजित योजना के साथ आगे बढ़े हैं।

'सुरक्षाबलों की उपलब्धियों का किया जिक्र'

सुरक्षा बलों की उपलब्धियों का ज़िक़्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने 15 अरब रूपए के नारकोटिक्स पकड़े हैं, साढ़े चार करोड़ रुपये की सोना-चांदी पकड़ी है, 15 आतंकियों को मार गिराया है और लगभग 2000 आतंकियों और घुसपैठियों को पकड़ा है। उन्होंने भविष्य में सीमापार से आर्टीफिश्यिअल इंटेलीजेंस और रोबोटिक्स तकनीक के इस्तेमाल के ख़तरे के प्रति भी आगाह किया और इसके ख़िलाफ़ एक दीर्घकालिक योजना बनाने की ज़रूरत पर बल दिया।

शाह ने कहा कि सुरक्षा बलों ने नक्सलविरोधी अभियान में भी बहुत अच्छा काम किया है। शाह ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को डिटेक्ट करना, सुरंगों का पता लगाना, पोर्टेबल एनक्रिप्टिड सामरिक मोबाइल संचार, एंटी-ड्रोन तकनीक जैसे विषयों पर एक सीरीज़ आफ हैकाथॉन से फ़ायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा के बारे में सभी ज़रूरी चीज़ों और तकनीक के बारे में हम आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं और हैकाथॉन सीरीज़ से इसमें भी फ़ायदा मिलेगा। 

chat bot
आपका साथी