सीमा सुरक्षा बल ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाकर फिर पेश की मिसाल
बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के सीमावर्ती इलाके में बीएसएफ की 99वीं वाहिनी ने मानवीयता भरा कार्य करते हुए प्रसव पीड़ा से तड़पती एक गर्भवती महिला को अपनी एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाकर एक बार फिर मिसाल पेश की है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ- साथ सीमा वासियों की सहायता करने के लिए भी सदैव तत्पर रहती है। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के सीमावर्ती इलाके में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत बीएसएफ की 99वीं वाहिनी ने इसी तरह का मानवीयता भरा कार्य करते हुए प्रसव पीड़ा से तड़पती एक गर्भवती महिला को अपनी एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाकर एक बार फिर मिसाल पेश की है।
बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि 19 जून (शनिवार) को कुलिया गांव के रिंकू संतरा ने बीएसएफ की सीमा चौकी रनघाट प्रभारी को बताया कि उसकी पुत्रवधू गर्भवती है और प्रसव पीड़ा होने की वजह से उसे तुरंत अस्पताल ले जाना जरूरी है। जिसके बाद चौकी प्रभारी ने तुरंत बीएसएफ की एंबुलेंस को नर्सिंग सहायक के साथ रिंकु संतरा के घर भेजा। यहां दुर्गा संतरा नाम की गर्भवती महिला को एंबुलेंस से तुरंत बागदाह सरकारी हस्पताल में ले जाकर भर्ती करवाया। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसका जरूरी इलाज किया। गर्भवती महिला की हालत सामान्य होने पर बीएसएफ एंबुलेंस से उसे फिर उसके घर वापस लेकर आए।
गर्भवती महिला के ससुर ने जताया आभार, कहा- जरूरत पर हमेशा साहायता करती है बीएसएफ
इधर, समय पर मदद के लिए गर्भवती महिला के ससुर रिंकु संतरा ने सीमा सुरक्षा बल का आभार प्रकट किया और धन्यवाद देते हुए कहा कि बीएसएफ से जब भी हम कोई मदद मांगते हैं तो हमेशा हमारी मदद करते हैं।
वहीं, 99वीं वाहिनी, बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर रवि कांत ने जवानों के इस सराहनीय कार्य पर खुशी जताई, और कहा की सीमा सुरक्षा बल सीमा पर होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के साथ ही सीमा वासियों के हर सुख-दुख में साथ रहती है। जिससे बीएसएफ और आम जनता के बीच संबंध और मधुर हो रहे हैं।