West Bengal: जाबांज सीमा प्रहरियों ने बांग्लादेशी तस्करों के हमले का दिया मुहंतोड़ जवाब, छह तस्करों को भी धर दबोचा

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने साथ ही कड़े शब्दों में कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी करने वालों की अब खैर नहीं है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 09:41 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 09:41 AM (IST)
West Bengal: जाबांज सीमा प्रहरियों ने बांग्लादेशी तस्करों के हमले का दिया मुहंतोड़ जवाब, छह तस्करों को भी धर दबोचा
जाबांज सीमा प्रहरियों ने बांग्लादेशी तस्करों के हमले का दिया मुहंतोड़ जवाब,

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं बटालियन के जाबांज सीमा प्रहरियों ने उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बांग्लादेशी तस्करों के हमले का मुहंतोड़ जवाब देते हुए छह तस्करों को भी धर दबोचा। तस्करों के मंसूबे को विफल करते हुए जवानों ने मौके से 250 फेंसिडिल कफ सिरप की बोतलें भी जब्त की, जिसकी बांग्लादेश में तस्करी की योजना थी।पकड़े गए सभी तस्कर बांग्लादेश के सतखीरा जिले के रहने वाले है।

बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि यह घटना 16 अक्टूबर को, 153वीं बटालियन की सीमा चौकी कालूपोटा-1 इलाके में घटी। अधिकारियों के अनुसार, बीएसएफ के खुफिया विभाग ने खबर दी कि कुछ बांग्लादेशी तस्कर फेंसिडिल की तस्करी करने की फिराक में हैं। इसके बाद जवानों ने चौकसी तेज कर दी। शाम के समय कालूपोटा-1 के क्षेत्र में विशेष रात्रि उपकरणों की सहायता से कुछ संदिग्धों की हरकतें देखी गईं। ये तस्कर अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा के पास एक मछली के तालाब में फेंसिडिल एकत्र कर रहे थे।

तस्करों की संख्या लगभग 10-12 थी तथा उनकी योजना थी कि भारी मात्रा में फेंसिडिल की तस्करी (भारत से बांग्लादेश) की जाए। लेकिन सीमा सुरक्षा बल के बहादुर जवानों के हौंसलों के आगे तस्करों की सारी योजना धरी की धरी रह गई। बीएसएफ के जवानों ने मछली के तालाब को जो कि सीमा रेखा के नजदीक तथा बार्डर फेंसिग के आगे था, उसे पूरी तरह से घेर लिया।

बीएसएफ जवानों पर पत्थरों से किया हमला

जब जवानों ने तस्करों को चुनौती दी तो कुछ तस्करों ने बीएसएफ के जवानों पर बंग्लादेश की तरफ से पत्थरों से हमला कर दिया। लेकिन बीएसएफ जवानों ने डटकर मुकाबला करते हुए उनको खदेड़ दिया तथा छह बांग्लादेशी तस्करों को, जो तालाब में छुप गए थे, उनको पानी के अंदर से खोज कर गिरफ्तार कर लिया। इस प्रक्रिया के दौरान तस्करों ने जवानों पर डंडों से भी हमला किया, जिससे दो जवानों तथा तस्करों को भी शारीरिक चोटें आईं। घायल तस्करों तथा जवानों को प्राथमिक उपचार करवाया गया। गिरफ्तार करने के बाद इलाके की सघन तलाशी ली गई तो 250 फेंसिडिल की बोतलें बरामद हुई जिनकी अनुमानित कीमत 50,000 रुपये आंकी गई है।

बीएसएफ ने तस्करों को पुलिस के हवाले किया

पकडे़ गए तस्करों की पहचान लिट्टन गाजी (20), गोलाम मोस्तफा (32), बाबू गाजी (33), राफिकुल मोरोल (30), बाकुल मोरोल (23) व रबिकुल इस्लाम (23) के रूप में हुई है। ये सभी सतखीरा, बांग्लादेश के रहने वाले हैं।प्रारंभिक पूछताछ में बांग्लादेशी तस्करों ने बताया कि 16 अक्टूबर को उन्होंने भारतीय तस्कर शबीर मुल्ला (गांव- पाकिडांगा, थाना- बशीरहाट , जिला-उत्तर 24 परगना) के साथ मिलकर फेंसिडिल तस्करी की योजना बनाई थी जिसे लेने के लिए वे सभी अंतरराष्ट्रीय सीमा क्रास कर भारतीय सीमा में पंहुचे थे। लेकिन इससे पहले कि वे फेंसिडिल लेकर वापस बांग्लादेश जाते, बीएसएफ ने उन सभी को पकड़ लिया। बीएसएफ ने गिरफ्तार सभी बांग्लादेशी तस्करों व अवैध घुसपैठ करने वाले नागरिकों को आगे की कानूनी कार्यवाही हेतु बशीरहाट थाने के हवाले कर दिया गया है।

तस्करों की अब खैर नहीं : डीआइजी

इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने साथ ही कड़े शब्दों में कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी करने वालों की अब खैर नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध घुसपैठ व तस्करी को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रही है।जिससे इस प्रकार के अपराधों में लिप्त लोग लगातार पकड़े जा रहे हैं और उन्हें कानून के मुताबिक सजाएं भी हो रही है। 

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