सीमा प्रहरी बने फ़रिश्ता, आत्महत्या की कोशिश करने वाले युवक एवं सांप काटने पर बच्ची को समय पर अस्पताल पहुंचाकर बचाई जान

बच्ची के स्वजनों ने बीएसएफ और 44वीं वाहिनी के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर बीएसएफ ने सही समय पर मदद नहीं की होती तो सांप का जहर उसके पूरे शरीर में फैल जाता और उसकी मौत भी हो सकती थी।

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 09:25 AM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 09:25 AM (IST)
सीमा प्रहरी बने फ़रिश्ता, आत्महत्या की कोशिश करने वाले युवक एवं सांप काटने पर बच्ची को समय पर अस्पताल पहुंचाकर बचाई जान
सांप काटने पर बच्ची को अस्पताल पहुंचाते बीएसएफ जवान।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रहरी सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं हैं। बीएसएफ ने एक बार फिर मानवता का परिचय देते हुए दो अलग-अलग घटनाओं में आत्महत्या की कोशिश करने वाले युवक एवं सांप काटने पर बच्ची को समय पर अस्पताल पहुंचाकर जान बचाई है।

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि पहली घटना मुर्शिदाबाद जिले में 86वीं बटालियन के क्षेत्र में आने वाले शिकारपुर गांव में पांच सितंबर की है। रात करीब नौ बजे परने मंडल (25) नाम के एक युवक ने ज़हर खा कर आत्महत्या करने का प्रयास किया। जैसे ही युवक के माता-पिता ने बॉर्डर आउट पोस्ट शिकारपुर के कंपनी कमांडर को इस घटना के बारे में सूचना दी तो जवानों ने फौरन युवक को नजदीकी अस्पताल करीमपुर ले गए।

प्राथमिक उपचार के बाद युवक को बीएसएफ एंबुलेंस से कृष्णानगर जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया। जहां युवक की हालत अब बेहतर बताई जा रही है।युवक के स्वजनों ने बीएसएफ के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि अगर जवानों ने सही समय पर पहुंचकर मदद नहीं की होती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। सभी गांव वालों ने भी कहा कि उनके इलाके में बीएसएफ किसी फरिश्ते से कम नहीं है। दूसरी घटना बीएसएफ की 44वीं वाहिनी की सीमा चौकी तिलासन के क्षेत्र में आने वाले तिलासन गांव, जिला- मालदा में पांच सितंबर की ही है। शाम करीब पांच बजे आठ वर्षीय एक बच्ची घर के बाहर खेल रही थी कि अचानक उसे एक जहरीले सांप ने काट लिया। बच्ची के स्वजनों ने तिलासन के कंपनी कमांडर से मदद की गुहार लगाई।

कंपनी कमांडर को जब इस घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने बिना देर किए एक नर्सिंग सहायक के साथ बीएसएफ एंबुलेंस को बच्ची के घर भेज दिया और उसे तत्काल इलाज के लिए बुलबुल चंडी अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के बाद बच्ची की हालत ठीक है।

वहीं, बच्ची के स्वजनों ने बीएसएफ और 44वीं वाहिनी के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर बीएसएफ ने सही समय पर मदद नहीं की होती तो सांप का जहर उसके पूरे शरीर में फैल जाता और उसकी मौत भी हो सकती थी। इधर, बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि हमारे जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखते हैं। किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में बीएसएफ के जवान, लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। 

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