दलबदलुओं के विधायक पद खारिज कराने को हाई कोर्ट में अपील करेगी भाजपा, मुकुल के बाद तीन और विधायक हुए बागी
भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके मुकुल राय को विधानसभा में लोक लेखा समिति(पीएसी) का अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ पहले ही भगवा कैंप कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंच चुका है। इसके बाद तीन और विधायकों ने भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हो गए हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकताः भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके मुकुल राय को विधानसभा में लोक लेखा समिति(पीएसी) का अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ पहले ही भगवा कैंप कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंच चुका है। इसके बाद तीन और विधायकों ने भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हो गए हैं। इन सभी का विधायक पद खारिज कराने के लिए भाजपा जल्द हाई कोर्ट में अपील करेगी। भाजपा विधायक व विधानसभा नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी पहले ही मुकुल को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं और मामला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ में लंबित है।
इसके बाद उन्होंने दो और दलबदलु विधायकों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को पत्र लिखकर उनसे दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। गुरुवार को बताया कि अगले सप्ताह इस मामले से संबंधित याचिका लगाई जा सकती है। अधिकारी का कहना है कि बंगाल में गत साढ़े 10 वर्ष में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं किया गया। इसमें सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि स्पीकर को तीन महीने के अंदर निर्णय लेना होगा। तीन महीने से अधिक हो गए हैं, लेकिन मुकुल राय को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया। 23 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई है।
अगर उस दिन विधानसभा में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो 24 सितंबर को कोर्ट के संज्ञान में यह मामला लाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर तन्मय घोष और विश्वजीत दास के खिलाफ भी कोर्ट जाने की तैयारी है। प्रदेश भाजपा के नेताओं ने गुरुवार को कहा कि यदि विधानसभा के स्पीकर इस मसले पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो कोर्ट जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। बताते चलें कि इससे पहले जब मुकुल राय के मुद्दे पर सुवेंदु ने यह कहा था कि वे हाई कोर्ट जाएंगे तो स्पीकर ने कहा था कि कोई कहीं भी जाने को स्वतंत्रत है।