Bengal Politics: भाजपा ने कहा- 10 वर्षों में स्पीकर नहीं तृणमूल के नेता ही बने रहे बिमान बनर्जी
राज्यपाल पर विधानसभा अध्यक्ष के आरोपों के बाद भाजपा ने किया पलटवार भट्टाचार्य ने कहा कि बनर्जी ने राज्यपाल के लिए विधानसभा का गेट तक बंद कर दिया था। उनसे और क्या अपेक्षा की जा सकती।इसके साथ ही हिंसा के मुद्दे पर भी भाजपा नेता ने ममता सरकार को घेरा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी विधानसभा अध्यक्षों के सम्मेलन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ व केंद्रीय जांच एजेंसियों पर विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में दखल देने का आरोप लगाए जाने के बाद भाजपा ने भी उनपर करारा पलटवार किया है।
बंगाल भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने उन पर तंज कसते हुए कहा कि जिस तरीके से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकार पिछले 10 वर्षों के शासनकाल में पश्चिम बंगाल की सरकार नहीं बन सकी, पार्टी की ही सरकार बनी रही, उसी तरह बिमान बनर्जी भी स्पीकर नहीं बल्कि तृणमूल के नेता ही बने रहे। यानी उनका आचरण स्पीकर की बजाय पार्टी नेता का रहा है। भट्टाचार्य ने सवाल किया कि पिछले 10 वर्षों में विपक्षी दलों के इतनी बड़ी संख्या में विधायकों ने पार्टी बदला, उनके खिलाफ उन्होंने क्या कार्रवाई की?
उन्होंने कहा कि किसी भी दलबदलू विधायकों के खिलाफ कोई कदम विधानसभा अध्यक्ष ने अब तक नहीं उठाया। हाल में बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले मुकुल राय के खिलाफ भी उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि पहले भी इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस व वाम दलों के विधायक तृणमूल में शामिल हुए, लेकिन विधानसभा स्पीकर ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने यहां तक कहा कि आज तक बनर्जी ने एक भी सदन प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं किया।
भट्टाचार्य ने कहा-अगर इन सबके बावजूद विधानसभा अध्यक्ष राज्यपाल के खिलाफ यह बात बोल रहे हैं तो उनसे यही अपेक्षा है। उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि बनर्जी ने राज्यपाल के लिए विधानसभा का गेट तक बंद कर दिया था। उनसे और क्या अपेक्षा की जा सकती है। इसके साथ ही राज्य में हिंसा के मुद्दे पर भी भाजपा नेता ने ममता सरकार को घेरा।
23 सितंबर को मुकुल राय के खिलाफ सुनवाई में हिस्सा लेंगे सुवेंदु
इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने भी इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष पर इशारों में निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए मुकुल राय की सदस्यता खारिज करने की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष 23 सितंबर को होने वाली सुनवाई में वह हिस्सा लेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो इसके अगले ही दिन 24 सितंबर को वह इस मुद्दे पर अदालत भी जाएंगे। गौरतलब है कि मुकुल राय की सदस्यता खारिज कराने की मांग को लेकर सुवेंदु लगातार आक्रामक हैं।