खेला होबे दिवस के विरोध में सड़क पर उतरी भाजपा, दिलीप व सुवेंदु समेत 85 नेता गिरफ्तार, बाद में रिहा

भाजपा ने इस दिन को बंगाल के इतिहास का काला दिन करार देते हुए ममता सरकार की खिंचाई की। भाजपा सांसद देवश्री चौधरी ने कहा कि 1946 में इसी दिन कोलकाता में हिंदु बंगालियों की हत्या हुई थी। यह सरकार हत्या का खेल खेल रही है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 03:39 PM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 08:35 PM (IST)
खेला होबे दिवस के विरोध में सड़क पर उतरी भाजपा, दिलीप व सुवेंदु समेत 85 नेता गिरफ्तार, बाद में रिहा
दिलीप और सुवेंदु को पुलिस ने किया गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को खेला होबे दिवस मनाया जबकि इसका विरोध करते हुए मुख्य विपक्षी भाजपा ने बंगाल बचाओ दिवस के तौर पर मनाया। इसके तहत कोलकाता से लेकर पूरे राज्य भर में भाजपा के नेता व कार्यकर्ता सड़क पर उतरे एवं खेला होबे दिवस का विरोध करते हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री व रायगंज से भाजपा सांसद देवश्री चौधरी सहित अन्य नेताओं ने कोलकाता में मेयो रोड स्थित गांधी मूर्ति के सामने एकत्रित होकर धरना दिया।

इस दौरान पुलिस के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की भिड़ंत भी हो गई। राज्य में लागू कोविड पाबंदियों का हवाला देते हुए पुलिस ने बिना अनुमति के धरना देने के आरोप में दिलीप घोष, सुवेंदु अधिकारी, देवश्री चौधरी व प्रदेश युवा इकाई के अध्यक्ष सौमित्र खां सहित 85 भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कोरोना महामारी कानून के उल्लंघन में भाजपा नेताओं को गिरफ्तार किया। हालांकि प्रदेश भाजपा ने दावा किया कि उसके 150 नेताओं व कार्यकर्ताओं को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने हालांकि शाम में सभी को रिहा कर दिया।

बंगाल के इतिहास का काला दिन बताया

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस दिन को बंगाल के इतिहास का काला दिन करार देते हुए ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग ने 1946 में 16 अगस्त के दिन ही प्रत्यक्ष कार्रवाई शुरू की थी और ग्रेट कलकत्ता कीलिंग का आरंभ हुआ था। जिसके परिणामस्वरुप बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और कोलकाता में हिंदु बंगालियों की हत्या की गई थी।16 अगस्त को खेला होबे दिवस के रूप में चुनकर तृणमूल सरकार अन्याय एवं अत्याचारों के उस दौर को वापस लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि काबुल की तरह कोलकाता में भी खेला हो रहा है। यह सरकार हत्या का खेल खेल रही है। ममता बनर्जी ने खेल को राजनीति और हिंसा के खेल में बदल दिया है।

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