चुनाव बाद हिंसा के खिलाफ भाजपा का बंगाल से लेकर दिल्ली तक धरना-प्रदर्शन, मारे गए कार्यकर्ताओं को दी श्रद्धांजलि

टीएमसी की शहीद दिवस रैली के जवाब में भाजपा की प्रदेश इकाई के आह्वान पर पार्टी नेताओं सांसदों व विधायकों ने राज्य में चुनाव बाद हुई कथित हिंसा एवं पार्टी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने के खिलाफ बुधवार को बंगाल से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन किया

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 07:53 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 07:53 PM (IST)
चुनाव बाद हिंसा के खिलाफ भाजपा का बंगाल से लेकर दिल्ली तक धरना-प्रदर्शन, मारे गए कार्यकर्ताओं को दी श्रद्धांजलि
दिलीप घोष ने राज्य में हिंसा के लिए ममता सरकार की आलोचना की

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की शहीद दिवस रैली के जवाब में भाजपा की प्रदेश इकाई के आह्वान पर पार्टी नेताओं, सांसदों व विधायकों ने राज्य में चुनाव बाद हुई कथित हिंसा एवं पार्टी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने के खिलाफ बुधवार को बंगाल से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन किया और धरना भी दिया।हिंसा में कथित रूप से तृणमूल कार्यकर्ताओं के हाथों मारे गए पार्टी कार्यकर्ताओं को शहीद बताते हुए भाजपा ने शहीद श्रद्धांजिल दिवस के रूप में इस दिन का पालन किया।

इसके मद्देनजर प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में कई नेताओं तथा बंगाल से भाजपा सांसदों ने नई दिल्ली स्थित राजघाट में धरना दिया और हिंसा में मारे गए पार्टी कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी तरह के कार्यक्रम कोलकाता सहित बंगाल के सभी जिलों व ब्लॉकों में भी आयोजित किए गए, जहां भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने हिंसा में मारे गए कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए सुबह से धरना दिया। इस अवसर पर दिलीप घोष ने राज्य में हिंसा के लिए ममता सरकार की आलोचना की।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी की जीत के बाद राज्य प्रायोजित हिंसा में तृणमूल समर्थकों द्वारा बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं व उनके परिवारों तथा संपत्तियों को निशाना बनाया गया। प्रदेश भाजपा ने दावा किया कि बंगाल में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद 40 से अधिक पार्टी कार्यकर्ता मारे गए हैं। भाजपा ने साथ ही टीएमसी के शहीद दिवस को ढोंग बताया। दरअसल, टीएमसी 1993 में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती है। दूसरी ओर, तृणमूल ने भाजपा के आरोपों से इन्कार किया और दावा किया कि ममता बनर्जी के तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद से बहुत कम हिंसा हुई है।

तानाशाही मानसिकता को नेस्तनाबूद करेंगे : नड्डा

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, "बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ चुनावी हिंसा को पूरा देश देख रहा है। इस हिंसा में सर्वाधिक अत्याचार महिलाओं, दलितों व बच्चों पर हुआ है। हम सभी लोकतांत्रिक तरीके से लड़ते हुए ममता बनर्जी की तानाशाही मानसिकता को नेस्तनाबूद करेंगे।"

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