Bengal Assembly Elections: मोदी, शाह और योगी की सर्वाधिक सभाएं चाहते हैं बंगाल के भाजपा नेता व कार्यकर्ता

केंद्रीय पर्यवेक्षक ने पार्टी नेतृत्व को बंगाल की जमीनी हकीकत बताई सियासी हालात समझने को भाजपा ने पांच पर्यवेक्षकों को भेजा था बंगाल केंद्रीय गृहमंत्री मंत्री अमित शाह ने इसी माह दो दिनों के बंगाल दौरे में चुनावी शंखनाद कर चुके हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:36 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 07:36 AM (IST)
Bengal Assembly Elections: मोदी, शाह और योगी की सर्वाधिक सभाएं चाहते हैं बंगाल के भाजपा नेता व कार्यकर्ता
मोदी, शाह और योगी की सर्वाधिक सभाएं चाहते हैं बंगाल के भाजपा नेता व कार्यकर्ता

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। आगामी वर्ष बंगाल में विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर तृणमूल तो दूसरी ओर भाजपा पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है। केंद्रीय गृहमंत्री मंत्री अमित शाह ने इसी माह दो दिनों के बंगाल दौरे में चुनावी शंखनाद कर चुके हैं। वहीं पार्टी के ओर से बंगाल भेजे गए पर्यवेक्षकों ने भी जमीनी हकीकत का फीडबैक केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दिया है।

इन पर्यवेक्षकों की ओर से दिए गए फीडबैक में एक बात मुख्य तौर पर निकल कर सामने आई है कि बंगाल में स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता और नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अधिक से अधिक सभाएं चाहते हैं। वहीं गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी अधिक मांग है। संगठन को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी को लेकर स्थानीय लोगों में विश्वास का माहौल है।

बताते चलें कि बंगाल की जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं के मन मे क्या है, इस बात का पता लगाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले हफ्ते बंगाल के पांच जोन के लिए पांच केंद्रीय पदाधिकारियों की टीम भेजी थी। जो बंगाल के बूथ स्तर से लेकर राज्य के पदाधिकारियों से सीधी बात कर उनका फीडबैक लेकर गई है।

भेजे गए पर्यवेक्षकों ने इस दौरान पार्टी के कामकाज से लेकर भाजपा को चुनाव में क्या करना चाहिए, इस पर फीडबैक लिया। जिसमें कई रोचक बातें भी सामने आई है। कार्यकर्ताओं ने बताया कि बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उत्साह है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा उनकी सभाएं आयोजित की जाए। इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी जबर्दस्त मांग है।

फीडबैक के दौरान एक और बात निकलकर सामने आई है। कार्यकर्ताओं में दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को लेकर असुरक्षा और आशंकाएं हैं। कार्यकर्ताओं में इस बात का डर है कि कहीं दूसरे दल से आने वाले नेताओं की वजह से पार्टी में उनका कद अथवा अहमियत न कम हो जाए।

केंद्रीय पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के बाद उसकी रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष को सौंप दी है। दरअसल भाजपा चाहती है कि 2019 में जिस तरह पार्टी को 18 लोकसभा सीटें जीती है उस जीत के सिलसिले को जारी रखा जाए और विधानसभा में मिशन 200 के लक्ष्य को प्राप्त किया जाए। 

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