भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा-राष्ट्रपति शासन लगाए बिना बंगाल में निष्पक्ष विधानसभा चुनाव असंभव
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए बिना निष्पक्ष (विधानसभा) चुनाव नहीं हो सकते क्योंकि वहां पहले नौकरशाही का राजनीतिकरण हो गया यहां तक तो ठीक है। पर अब नौकरशाही का अपराधीकरण भी हो गया है।
जेएनएन, कोलकाता : बंगाल में नौकरशाही का अपराधीकरण हो जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए बगैर विधानसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते। उन्होंने यह बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की नयी दिल्ली में बृहस्पतिवार को हुई मुलाकात के अगले ही दिन कही है।
नौकरशाही का अपराधीकरण भी हो गया
विजयवर्गीय, भाजपा संगठन में बंगाल के प्रभारी महासचिव हैं जहां अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। उन्होंने इंदौर में संवाददाता सम्मेलन में कहा, मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए बिना निष्पक्ष (विधानसभा) चुनाव नहीं हो सकते क्योंकि वहां पहले नौकरशाही का राजनीतिकरण हो गया, यहां तक तो ठीक है। पर अब नौकरशाही का अपराधीकरण भी हो गया है।
निष्पक्ष चुनाव हुए तो ही सरकार बनेगी
विजयवर्गीय ने कहा, मैं दावे से कह रहा हूं कि अगर बंगाल में निष्पक्ष (विधानसभा) चुनाव हुए, तो वहां भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने हालांकि अपनी बात में जोड़ा कि केंद्र अपनी मंशा पहले ही बता चुका है कि बंगाल सरकार के खिलाफ बदले की भावना से कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी और एक चुनी हुई सरकार को पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे।
संवैधानिक तरीके से कोई कदम उठाएंगे
विजयवर्गीय ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री ने एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में इस बात को स्वीकार किया है कि बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। लेकिन हमारा प्रजातंत्र पर विश्वास है और हम एक चुनी हुई सरकार को लेकर संवैधानिक तरीके से ही कोई कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, हमें समय का इंतजार करना चाहिए।जीत की संभावनाओं पर ज्यादा फर्क नहीं
क्योंकि बंगाल के राज्यपाल ने (राज्य के मौजूदा हालात को लेकर) केंद्रीय गृह मंत्री को कल (बृहस्पतिवार) ही अपनी रिपोर्ट सौंपी है। विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के अगले विधानसभा चुनावों में वामपंथी दलों और कांग्रेस के बीच संभावित चुनावी गठबंधन से भाजपा की जीत की संभावनाओं पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।