बंगाल में भाजपा प्रत्याशी मुमताज अली ने केएमसी चुनाव से वापस लिया नामांकन, पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप
Mumtaz Ali Withdraws Nomination मुमताज अली (Mumtaz Ali) ने पार्टी कैडरों से समर्थन की कमी का हवाला देते हुए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चुनाव से अपना नामांकन वापस ले लिया है। बता दें कि मुमताज अली को पार्टी ने केएमसी चुनाव के लिए वार्ड 134 से उम्मीदवार बनाया था।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार मुमताज अली ने पार्टी कैडरों से समर्थन की कमी का हवाला देते हुए अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसे भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है। मुमताज ने पार्टी पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपनी पार्टी से जमीनी स्तर पर कोई समर्थन नहीं मिला। यहां तक कि काल के जवाब भी नहीं आ रहे थे। मुमताज ने कहा, मैं निकाय चुनाव से पीछे नहीं हटना चाहती थी। लेकिन जिस दिन मैं अपना नामांकन दाखिल करने गई, उस दिन पार्टी से मेरे चुनावी एजेंट के अलावा कोई नहीं था।
पार्टी नेतृत्व ने काल का भी जवाब नहीं दिया। मैं अकेली पर्चा भरने गई। बकौल मुमताज, 'जब मैंने अन्य दलों के उम्मीदवारों को उनके समर्थकों के साथ आते देखा, तो मुझे बहुत बुरा लगा। मेरी आंखों में आंसू थे। मैंने एक हवलदार से पूछा कि मैं अपना नामांकन कैसे वापस ले सकती हूं? इसके दो दिन बाद मैंने अपना नामांकन वापस ले लिया। बता दें कि मुमताज अली को पार्टी ने केएमसी चुनाव के लिए वार्ड 134 से उम्मीदवार बनाया था।
'भाजपा नेतृत्व को ये भी नहीं पता कि मैं महिला हूं'
मुमताज का दावा है कि बंगाल भाजपा नेतृत्व को यह भी नहीं पता था कि मैं चुनाव से हट गई हूं और साथ ही मैं एक महिला हूं। उन्होंने कहा- मीडिया के माध्यम से खबर मिलने के दो दिन बाद प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की प्रमुख अग्निमित्रा पाल ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या मुमताज दादा घर पर हैं। एक महिला होने के बावजूद उन्होंने एक महिला उम्मीदवार को 'दादा' कहा। उन्हें अपने उम्मीदवारों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसलिए, आप कल्पना कर सकते हैं कि वे हमें किस तरह का महत्व देते हैं।
विधानसभा चुनावों में मैंने बहुत मेहनत की थी
मुमताज ने कहा कि उन्होंने राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान मेटियाब्रुज निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की थी और नेतृत्व से उन्हें वार्ड 133 से नामित करने का अनुरोध किया था, जिस क्षेत्र से वह परिचित थीं। फिर भी, उन्हें वार्ड (134) के लिए नामांकित किया गया।
मुझे ऐसी सीट दी, जहां 10 वोट भी न मिले
मुमताज ने आगे कहा, उन्होंने मुझे जानबूझकर ऐसी सीट पर भेजा जहां मुझे 10 वोट भी न मिले। उन्होंने कहा कि अब मैं पूरी तरह से असहाय महसूस कर रही हूं। मेरी सहायता के लिए कोई कैडर नहीं है। मुझे यकीन नहीं है कि मैं इस पार्टी में कब तक रह सकती हूं। जो भी पार्टी मुझे काम करने की अनुमति देगी, मैं उसमें शामिल हो जाऊंगी।