बाढ़ पर बंगाल सरकार के आरोपों को भाजपा ने बताया हास्यास्पद, कहा- अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रही ममता

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य में आई बाढ़ को मानव जनित करार देने एवं इसके लिए दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को जिम्मेदार ठहराए जाने के आरोपों को हास्यास्पद करार देते हुए प्रदेश भाजपा ने उन पर निशाना साधा है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:35 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:35 PM (IST)
बाढ़ पर बंगाल सरकार के आरोपों को भाजपा ने बताया हास्यास्पद, कहा- अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रही ममता
बाढ़ पर बंगाल सरकार के आरोपों को भाजपा ने बताया हास्यास्पद

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य में आई बाढ़ को मानव जनित करार देने एवं इसके लिए दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को जिम्मेदार ठहराए जाने के आरोपों को हास्यास्पद करार देते हुए प्रदेश भाजपा ने उन पर निशाना साधा है। बुधवार को मुख्यमंत्री के आरोपों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसकी शिकायत के बाद प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए क हा कि राज्य सरकार अपनी विफलता को छिपाने के लिए किसी चेहरे की तलाश कर रही है।

ममता के आरोपों को हास्यास्पद करार देते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासन के दौरान बंगाल में पूरी सिंचाई व्यवस्था चरमरा गई है। अब, वे अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह के हास्यास्पद बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब टीएमसी सरकार डीवीसी के बांधों को तोड़ने की मांग कर सकती है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ममता बनर्जी की आदत बन गईं हैं कि वह हर चीज में सिर्फ और सिर्फ राजनीति और दोषारोपण करती है।

उन्होंने बाढ़ से निपटने की तैयारियों एवं लोगों तक राहत पहुंचाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अभी राजनीति करने का समय नहीं है बल्कि बाढ़ की चुनौतियों से निपटने एवं पीड़ित लोगों तक जल्द से जल्द राहत सामग्री पहुंचाने का वक्त है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस ओर ध्यान देने की अपील की। उल्लेखनीय है कि ममता ने बुधवार को बाढ़ की स्थिति पर प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के दौरान शिकायत की कि डीवीसी ने अपने बांधों से अनियोजित तरीके से पानी छोड़ा, जिसकी वजह से राज्य में मानव निर्मित बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। इसके साथ ही ममता ने पीएम को एक पत्र लिखकर भी इसकी शिकायत की है।

ज्ञात हो कि भारी बारिश के चलते राज्य में कई स्थानों पर आई बाढ़ की वजह से तीन लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं तथा मकान गिरने और विद्युत करंट लगने की घटनाओं में अब तक कम से कम 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, डीवीसी का कहना है कि झारखंड से पानी के भारी प्रवाह के कारण पंचेत और मैथन बांधों में भंडारण सुविधाएं अपनी क्षमता तक पहुंच गई हैं, और ऐसी परिस्थितियों में पानी छोड़ा जाना ''अपरिहार्य'' था।

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