West Bengal: मिथुन चक्रवर्ती को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत, जज ने कहा-फिल्मी डायलॉग से नहीं फैलती हिंसा

West Bengal अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को बुधवार को कथित भड़काऊ भाषण मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी। इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश कौशिक चंद ने कहा कि किसी फिल्म के डायलॉग से हिंसा नहीं फैलती। न ही अशांति होती है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 08:16 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 08:16 PM (IST)
West Bengal: मिथुन चक्रवर्ती को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत, जज ने कहा-फिल्मी डायलॉग से नहीं फैलती हिंसा
मिथुन चक्रवर्ती को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल होने वाले दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को बुधवार को कथित भड़काऊ भाषण मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी। इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश कौशिक चंद ने कहा कि किसी फिल्म के डायलॉग से हिंसा नहीं फैलती। न ही अशांति होती है। न्यायाधीश ने कहा कि शोले फिल्म में अमजद खान से लेकर बहुत से अभिनेताओं ने अब तक हजारों लोकप्रिय डायलॉग दिए हैं। मिथुन चक्रवर्ती का डायलॉग भी काफी लोकप्रिय है। उनके डायलॉग ने चुनाव के बाद अशांति पैदा की, यह कहना सही नहीं है। चुनाव के बाद की अशांति व हिंसा के लिए मिथुन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसके साथ ही जस्टिस चंद ने कोलकाता पुलिस को इस मामले में जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इस केस की अगली सुनवाई अब तीन अगस्त को होगी।

उल्लेखनीय है कि बंगाल चुनाव से पहले कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में भाजपा का दामन थामने वाले बॉलीवुड के स्टार अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी फिल्म के डायलॉग बोले थे। उन्होंने कहा था- ‘मारबो एखाने, लाश पोड़बे सशाने,’ यानी मारूंगा यहां, तो लाश गिरेगा श्मशान में। मिथुन के इस डायलॉग को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भड़काऊ बयान करार दिया था और चुनाव बाद हुई हिंसा के लिए इस बयान को जिम्मेदार ठहराया।

तृणमूल नेता ने मिथुन के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत

तृणमूल युवा कांग्रेस के एक नेता ने कोलकाता के मानिकतला थाने में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए मिथुन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि सात मार्च को भाजपा में शामिल होने के बाद आयोजित रैली में चक्रवर्ती ने जो डॉयलॉग बोले थे, उसकी वजह से राज्य में चुनाव के बाद हिंसा हुई। इस शिकायत के बाद मानिकतला थाना की पुलिस ने मिथुन से कई बार वर्चुअल माध्यम से पूछताछ भी की। अब जाकर इस मामले में मिथुन को बड़ी राहत मिली है। हालांकि इस मामले का अभी निपटारा नहीं हुआ है।मिथुन ने हाई कोर्ट से एफआइआर को खारिज करने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने उन्हें जांच में पुलिस को सहयोग करने का निर्देश दिया था। 

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