बड़ी राहत : पासपोर्ट आवेदकों को वेरीफिकेशन के समय नहीं ले जाने होंगे वास्तविक दस्तावेज

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि एक फरवरी से यह नई प्रक्रिया शुरू की गई है और अब रोजाना पांच से सात फीसद आवेदन डिजिटल लॉकर की अनुमति के साथ जमा हो रहे हैं। इस प्रक्रिया को शुरू करने से आवेदकों को अब ऑरिजिनल सर्टिफिकेट साथ नहीं ले जाने होंगे।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 11:23 AM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 12:45 PM (IST)
बड़ी राहत : पासपोर्ट आवेदकों को वेरीफिकेशन के समय नहीं ले जाने होंगे वास्तविक दस्तावेज
कोलकाता में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी बिभूति भूषण कुमार।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट बनवाने के नियम को और सरल करते हुए आवेदकों को बड़ी राहत दी है। पासपोर्ट बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद आवेदकों को वेरीफिकेशन के समय सभी ऑरिजिनल दस्तावेजों (पहचान पत्र) के साथ पासपोर्ट कार्यालय जाना पड़ता था, लेकिन अब यह अनिवार्य नहीं है।

पासपोर्ट विभाग ने नई प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत डिजिटल लॉकर के दस्तावेजों को ही विभाग स्वत: जांच कर लेगा। लेकिन इसके लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन जमा करते समय डिजिटल लॉकर के प्रयोग करने की अनुमति प्रदान करनी होगी।

कोलकाता में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा व सिक्किम) बिभूति भूषण कुमार ने गुरुवार को अपने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पासपोर्ट विभाग ने 13 ऐसे दस्तावेजों की तालिका तैयार की है, जो डिजिटल लॉकर से जुड़े हुए हैं। इसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, आर्म लाइसेंस, जाति प्रमाण पत्र, पेंशन प्रमाण पत्र, बीमा पॉलिसी प्रमाण पत्र, कक्षा 10 का प्रमाण पत्र, बिजली बिल व टेलीफोन बिल शामिल है।

अगर आवेदक ऑनलाइन आवेदन जमा करते समय फॉर्म में इन दस्तावेजों का डिजिटल लॉकर से सत्यापन की अनुमति देते हैं तो कार्यालय में आवेदन के वेरिफिकेशन के समय उन्हें इसके ऑरिजिनल दस्तावेज लाने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, उन्होंने बताया कि कई राज्यों ने सभी दस्तावेजों को डिजिटल लॉकर में शामिल नहीं किया है। ऐसे में जो दस्तावेज डिजिटल लॉकर में शामिल नहीं किया गया है, उसके ऑरिजिनल कॉपी को वेरिफिकेशन के समय ले जाना होगा।

एक फरवरी से शुरू की गई है नई प्रक्रिया

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि एक फरवरी से यह नई प्रक्रिया शुरू की गई है और अब रोजाना पांच से सात फीसद आवेदन डिजिटल लॉकर की अनुमति के साथ जमा हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया को शुरू करने से आवेदकों को काफी लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अब ऑरिजिनल सर्टिफिकेट साथ नहीं ले जाने होंगे। साथ ही पासपोर्ट विभाग को भी आवेदकों के दस्तावेजों को अलग से डिजिटल के रूप में अपलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

फर्जी वेबसाइटों से रहें दूर

इस मौके पर क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी कुमार ने पासपोर्ट बनवाने से संबंधित फर्जी वेबसाइटों से दूर रहने के बारे में भी लोगों को सावधान किया। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में पासपोर्ट विभाग के नाम पर कई फर्जी वेबसाइट खोले गए हैं, जिससे लोगों को सतर्क रहना जरूरी है। उन्होंने बताया कि विभाग 36 पेजों की बुकलेट के साथ पासपोर्ट के लिए 1500 रुपये व 60 पेजों की बुकलेट वाले पासपोर्ट के लिए दो हजार रुपये शुल्क लेता है। अगर किसी भी वेबसाइट पर इससे अधिक रुपये की मांग की जाती है तो वह फर्जी है। उन्होंने देश में चल रहे ऐसे नौ फर्जी वेबसाइटों की तालिका जारी की, जिसके माध्यम से पासपोर्ट बनाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी की जा रही है।

ये हैं फर्जी वेबसाइट

फर्जी वेबसाइटों में www.indiapassport.org, www.online-passportindia.com, www.passportindiapostal.in, www.passport-seva.in, www.applypassport.org, www.onlinepassportseva.org, www.passportindia.org.in, www.passport-sahayata.org व www.indiapassport.ind.in शामिल है। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने आवेदकों से अपील की कि वे हमेशा पासपोर्ट विभाग की आधिकारिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। 

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